सभा मंडप में पूजन-अर्चन
सभा मंडप में पूजन-अर्चन के बाद पालकी में विराजित होकर बाबा नगर भ्रमण पर निकले। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने पूजन के बाद पालकी को आगे बढ़ाकर रवाना किया। पालकी जैसे ही मुख्य द्वार पर पहुंची, मध्य प्रदेश सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने राजा महाकाल को सलामी दी। इसके बाद सवारी रवाना हुई। बाबा को अपने बीच पाकर लाखों श्रद्धालु आनंदित हो गए और उज्जैन में आनंद भयो, जय महाकाल की के जयघोष से गंूजने लगे। भगवान की एक झलक पाने के लिए करीब करीब तीन लाख से अधिक भक्त मौजूद थे।
जल से अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई
भक्तगण शिवमय होकर भगवान महाकाल की आराधना, झांझ मंजीरे, डमरू, ढोल आदि वाद्य बजाते साथ चल रहे थे। सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची। रामघाट पर शिप्रा के जल से अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। पूजन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर पंहुची। यहां परंपरानुसार गोपाल मंदिर के पुजारी ने भगवान महाकाल का पूजन किया। सवारी गोपाल मंदिर से पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होती हुई पुन:महाकाल मंदिर पहुंची।
सवारी की झलकियां
– सवारी के गुदरी चौराहा पार होने के बाद महाकाल चौराहा बैरिकेड्स के हटाए जाने से भारी भीड़ हो गई। इसे नियंत्रित करने वाला कोई नहीं था। नतीजतन बहुत देर तक धक्का-मुक्की होती रही।
– गत तीन सवारी में आम श्रद्धालुओं के रामघाट पर जाने से अव्यवस्था को देखते हुए इस बार रामघाट पर इस बार सुरक्षा एवं प्रशासन के व्यापक इंतजाम किए गए थे। इसके अलावा विशिष्ठजनों के रामघाट प्रवेश की व्यवस्था राणौजी की छत्री से किए जाने बाद भी जनप्रतिनिधि और उनके समर्थक बैरिकेड्स को हटाकर रामघाट गए।
– महाकाल की सवारी के दौरान पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली से महाकाल मंदिर और सवारी मार्ग के आसपास अव्यवस्था बनी रहीं। सवारी मार्ग के निकट इस स्थान पर बड़ी संख्या में दोपहिया और चार पहिया वाहनों के खड़े होने के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो गया।