scriptमहाकाल दर्शन से पहले जान लें कैसी है नई व्यवस्था, बदलने वाले हैं नियम | mahakal temple change the darshan aarti time | Patrika News

महाकाल दर्शन से पहले जान लें कैसी है नई व्यवस्था, बदलने वाले हैं नियम

locationउज्जैनPublished: Oct 26, 2020 01:15:31 pm

Submitted by:

Manish Gite

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन की व्यवस्था बदल रही है, उज्जैन आने से पहले जरूर जान लें नई व्यवस्था के बारे में…।

ujjain.png

उज्जैन। ठंड का दौर शुरू हो रहा है। रातें ठंडी होती जा रही है। हर साल ठंड में महाकाल बाबा की भी दिनचर्या बदल जाती है। एक नवंबर से मंदिर की परंपरा के मुताबिक बाबा की आरती का समय बदल जाएगा।

 

महाकाल मंदिर समिति 1 नवंबर से महाकालेश्वर मंदिर में आरती और भगवान के दर्शन की व्यवस्था में थोडा़ परिवर्तन करने जा रही है। पं. महेश पुजारी के मुताबिक कार्तिक माह में ठंड शुरू हो जाती है। कार्तिक माह की शुरुआत से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा तक यह व्यवस्था हर साल बदली जाती है। बताया गया है कि हर दिन सुबह 4 बजे से 6 बजे तक भस्म आरती होगी, सुबह साढ़े सात से सवा आठ बजे तक द्योदक तथा सुबह 10.30 बजे से भोग आरती होगी। इसी प्रकार शाम को 5 बजे संध्या पूजा होगी, साढ़े 6 बजे से शाम 7 बजे तक संध्या आरती होगी। जबकि रात साढ़े दस बजे से 11 बजे के बीच शयन आरती होगी। इसी आरती के बाद महाकाल मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।

पहले से कराना होगी बुकिंग

महाकाल मंदिर में इन दिनों एडवांस बुकिंग के जरिए ही भक्तों को महाकाल के दर्शन कराए जा रहे हैं। भक्त महाकालेश्वर एप व मंदिर की वेबसाइट पर निःशुल्क एडवांस बुकिंग कराकर भगवान महाकाल के दर्शन कर पाएंगे। कोरोना के गाइडलाइन के मुताबिक फिलहाल भक्तों का गर्भगृह में जाने पर पाबंदी है। भक्तों को हार-फूल, पूजन सामग्री और प्रसाद भी चढ़ाने नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि शिवलिंग पर जल भी नहीं चढ़ा सकते हैं।

 

क्षिप्रा में दीपदान

कार्तिक में क्षिप्रा स्नान और दीपदान का भी विशेष महत्व है। कार्तिक माह के दौरान सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालु क्षिप्रा में स्नान करने पहुंच जाते हैं। इसके साथ ही दीपदान किया जाता है। शाम के समय भी क्षिप्रा में स्नान-पूजन के बाद दीपदान किया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक यह पितरों के लिए विशेष होता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो