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महाकाल मंदिर : ओमीक्रॉन के आने से बदल जाएगी व्यवस्था

locationउज्जैनPublished: Dec 03, 2021 08:37:20 pm

Submitted by:

Hitendra Sharma

बिना मास्क पहने प्रवेश पर रोक, दोनों डोज भी अनिवार्य

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उज्जैन. राजाधिराज भगवान महाकाल के दरबार में आम और खास सभी दर्शनार्थियों को 6 दिसंबर से मंदिर के गर्भगृह और नंदी हॉल में प्रवेश दिए जाने पर अब दोबारा से विचार किया जा सकता है। पिछले दिनों हुई प्रबंध समिति की बैठक में इसकी छूट देने की बात कही गई थी, लेकिन अब इसे पूरा होने में संशय की स्थिति बन रही है, क्योंकि कोरोना के नए वेरिएंट ने सभी को परेशानी में डाल दिया है।

हालांकि इसी के चलते मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं को बिना मास्क और दोनों डोज का प्रमाण दिखाए बिना प्रवेश पर रोक लगा दी है। ओमीक्रॉन अब 33 देशों में पहुंच चुका है साथ ही भारत के भी कई राज्यों में इसने दस्तक दे दी है। छह दिसंबर से गर्भ गृह ओर नंदी हॉल में एंट्री की स्थिति अभी अस्पष्ट है। कोरोना के खतरे को देखते हुए गर्भगृह और नंदी हॉल में श्रद्धालुओं के प्रवेश को लेकर दोबारा मंथन किया जाएगा।

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इंदौर-भोपाल में मिल रहे कोरोना मरीज
कोरोना महामारी रूप बदलकर फिर सामने आ खड़ी है। इंदौर-भोपाल में मामले सामने आए हैं, इसे रोकने के लिए प्रशासन द्वारा तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में क्राइसेस कमेटी की भी टीम द्वारा अस्पतालों की व्यवस्था को देखा गया। ऐसे में महाकाल मंदिर, जहां हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रहती है, उन्हें सुरक्षित रखने तथा 6 दिसंबर से गर्भगृह और नंदी हॉल में प्रवेश देने के निर्णय पर किस प्रकार से अमल किया जाएगा, इस पर एक-दो दिन में पुन: मंथन किया जाएगा। प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ के अवकाश से लौटने पर जल्द ही फिर से इस पर विचार किया जाना है।

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बिना जांच-पड़ताल प्रवेश नहीं
सहायक प्रशासनिक अधिकारी मूलचंद जूनवाल ने बताया कि महाकाल मंदिर में कोरोना काल में जो व्यवस्थाएं की गई थीं, उन्हें फिर से शुरू कर दिया गया है। प्रवेश द्वार पर सभी को सैनिटाइज किया जाता है, इसके बाद मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही वैक्सीन के दोनों डोज लगे हैं या नहीं इसकी पुष्टि की जाती है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं द्वारा सेल्फी ली जाती है और अनावश्यक रूप से लंबे समय तक बैठने से रोका भी जा रहा है। परिसर के विभिन्‍न मंदिरों में बैठने वालों से भी कहा गया है कि वे दर्शनार्थियों की अधिक भीड़ न करें और दर्शन के बाद शीघ्र जाने को कहें।

 

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