महाकाल मंदिर में परंपरानुसार उमा सांझी महोत्सव की शुरुआत बुधवार से होगी। सायंकालीन आरती के बाद लोक संस्कृति व परंपरा पर आधारित कार्यक्रम होंगे। वहीं दोपहर में पुजारी-पुरोहितों द्वारा प्राचीन पत्थर पर रंगोली से संझा बनाई जाएगी। महोत्सव के दौरान भगवान महाकाल एवं माता पार्वती के विग्रहों के दर्शन होंगे। झांकियां सजाई जाएंगी। 30 सितंबर तक उत्सव मनाया जाएगा। प्रशासक एसएस रावत ने बताया उमा-सांझी महोत्सव मालवा की लोक संस्कृति पर आधारित है। प्रतिभाओं एवं मालवा के लोक संस्कृति व कला से जुड़े कलाकारों को महोत्सव के माध्यम से मंच देने का प्रयास किया जाता है।
कब क्या होंगे आयोजन
– 25 सितंबर को रंगोली प्रतियोगिता, दोपहर 1 से 4 बजे। सांस्कृतिक कार्यक्रम रात ८ बजे प्रवचन हॉल में। डॉ. प्रीति बोरलिया देवले व समूह की ओर से लोक गायन, सोमेश पांचाल, श्रुतिश्री संगीत साधनाश्रम द्वारा समूह तबला वादन, गिरधारीलाल गेहलोत, दर्शन लोककला मंडल द्वारा लोकनृत्य।
– 26 सितंबर को चित्रकला प्रतियोगिता प्रवचन हॉल में सुबह 11 से 2 बजे। कनिष्ठ वर्ग कक्षा 1 से 7, वरिष्ठ वर्ग कक्षा 8 से 12 तक, सामग्री मंदिर समिति द्वारा दी जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 8 बजे से होंगे, जिसमें बिंदु अत्रे संझा गीत, परमानंद गंधर्व रतलाम द्वारा हारमोनियम वादन व भक्ति संगीत, प्रतिकल्पा संस्था द्वारा लोकनृत्य की प्रस्तुति होगी।
– 27 सितंबर को शिव स्त्रोत पर संस्कृत श्लोक पाठ प्रतियोगिता दोपहर 1 से 4 बजे तक प्रवचन हॉल में होगी। कनिष्ठ वर्ग कक्षा 1 से 7 तक, वरिष्ठ वर्ग कक्षा 8 से 12 तक। सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 8 बजे से होंगे, जिसमें डॉ. राजुल सिंघी एवं साथी कलाकार लोकगीत, रंग उत्सव संस्था द्वारा मालवी लोक शैली पर आधारित नाटक औडका का मंचन। आयुर्धा शर्मा व समूह द्वारा लोक नृत्य।
– 28 सितंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 8 बजे से होंगे, जिसमें लोकगुंजन संस्था की ओर से लोकगीत, त्रिविध स्वर लय ताल अन्तर्भाव, विजय गोथरवाल व समूह द्वारा गायन, वादन एवं नृत्य की त्रिवेणी। रेणुका देशपाण्डे की नृत्य प्रस्तुति। जागरण रात 10 से सुबह 3 बजे तक होगा, जिसमें जसवंत शर्मा मंडली की ओर से सुंदरकांड किया जाएगा। वहीं 25 से 28 तक समर्थ बालकृष्णनाथ ढोली बुआ महाराज ग्वालियर का नारदीय कीर्तन होगा।
– 30 सितंबर को उमा माताजी की शाम 4 बजे मंदिर से आरंभ होगी। सवारी में उमा माता की रजत प्रतिमा पालकी में, बैलगाड़ी में गरूडज़ी पर माताजी की पीतल की प्रतिमा, दूसरी बैलगाड़ी में नंदी पर महेश विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी मंदिर से आरंभ होकर महाकाल घाटी, तोपखाना, दौलतगंज चौराहा, कंठाल, सराफा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कार्तिक चौक, मोढ़ की धर्मशाला, रामानुजकोट होते हुए क्षिप्रा नदी रामघाट पहुंचेगी। जहां संझा विसर्जन के बाद सवारी पुन: कहारवाड़ी, बक्षी बाजार महाकाल रोड होते हुए महाकाल मंदिर आएगी।