बाबा के भक्त उनके दर्शन करने के बाद मंदिर समिति द्वारा संचालित भोजनशाला में जाकर दान-दक्षिणा के लिए इच्छा व्यक्त करते हैं। अन्नक्षेत्र में दानदाता अपने आत्मीयजन के जन्म दिन, पुण्य तिथि, विवाह वर्षगांठ आदि अवसरों पर एक समय के भोजन प्रसाद हेतु मुक्त हस्थ से दान करते हैं।
प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया भोजन तथा नाश्ते के लिए एडवांस बुकिंग चल रही है। एक माह तक की बुकिंग हो चुकी है। आने वाले श्रद्धालुओं को आगे की तारीख देकर दान प्राप्त कर लिया जाता है।
परिवारजन भी परोस सकेंगे भोजन
प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि हमें कुछ सुझाव प्राप्त हुए हैं, इसके चलते आने वाले समय में शीघ्र ही यह व्यवस्था भी शुरू की जाएगी, जिसमें जो लोग दान करते हैं, उनके परिवार के लोग यहां आकर अपने हाथों से श्रद्धालुओं को भोजन आदि परोस सकते हैं। साथ ही अन्नक्षेत्र में अन्य तरह की व्यवस्थाओं में सेवा दे सकते हैं। यह कार्य स्वैच्छा से रहेगा, इसके लिए हमारी तरफ से कोई बाध्यता नहीं है। इसके अलावा दान दाता के नाम की पट्टिका भी लगाई जाने पर विचार चल रहा है। हालांकि अधिकांश श्रद्धालु गुप्त दान के रूप में यहां राशि व सामग्री आदि भेंट करते हैं। उनके नाम की पट्टिका नहीं लगाई जाएगी।
भोजन और नाश्ते के लिए कितना दान
अन्नक्षेत्र में 25 हजार की राशि देकर भोजन करवा सकते हैं तथा एक पूरे दिन के भोजन प्रसादी के लिए 51 हजार की राशि मंदिर कोष में जमा कर भोजन प्रसादी की व्यवस्था करवा सकते हैं। 11 हजार की राशि भक्तों द्वारा एक दिवस के भस्म आरती दर्शन के बाद सुबह 6 से 8 बजे तक अल्पाहार की व्यवस्था करवा सकते हैं।