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महाकाल का महाप्रसाद: बाबा की रसोई में मालवा का खास जायका

हर महीने की 1 और 15 तारीख को अन्नक्षेत्र में मिलता बाबा का महाप्रसाद

उज्जैनNov 15, 2019 / 12:27 am

anil mukati

हर महीने की 1 और 15 तारीख को अन्नक्षेत्र में मिलता बाबा का महाप्रसाद

उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में संचालित होने वाले नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में महीने में दो बार मालवा का प्रसिद्ध भोजन दाल-बाफला, लड्डू, कढ़ी-चावल आदि परोसे जा रहे हैं। इसी शृंखला में शुक्रवार १५ नवंबर को भी मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को मालवा के प्रसिद्ध भोजन का आनंद लेने का सौभाग्य मिलेगा।
मंदिर प्रबंध समिति की ओर से संचालित अन्नक्षेत्र में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रतिदिन अलग-अलग व्यंजन भोजन प्रसादी में परोसे जाते हैं। पिछले दिनों हुई समिति की बैठक में लिए गए निर्णयानुसार माह की प्रत्येक 1 और 15 तारीख को मालवा का प्रसिद्ध दाल, बाफला, कढ़ी, लड्डू, चूरमा, चावल, सब्जी बनाने के निर्देश दिए थे। प्रशासक एसएस रावत ने बताया कि श्रद्धालुओं को महाकाल के दर्शन के साथ ही मालवा की संस्कृति व यहां के भोजन के स्वाद को समझने के लिए यह पहल की गई है। यह क्रम 1 नवंबर से प्रारंभ हो गया है।
अन्नक्षेत्र में दान देने की भी व्यवस्था
अन्नक्षेत्र में भक्त अपनी इच्छानुसार भोजन सामग्री या राशि भी दान कर सकते हैं। साथ ही अपने जन्म दिवस, किसी की पुण्यतिथि, विवाह वर्षगांठ आदि अवसरों पर एक दिन के भोजन प्रसाद के लिए 25 हजार की राशि देकर भोजन प्रसादी की व्यवस्था करवा सकते हैं। इसी क्रम में समिति सदस्य विजयशंकर पुजारी, आशीष पुजारी व दीपक मित्तल की प्रेरणा से 15 नवंबर की प्रसादी के लिए दानदाता के माध्यम से 250 किलो आटा, 45 किलो तुवर दाल, 40 किलो दही, 15 किलो बेसन तथा चूरमे के लिए 1 किलो काजू व 1 किलो किशमिश दिए गए हैं। दानदाता ने नाम गुप्त रखने की मंशा जाहिर की है। इसी प्रकार सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल की प्ररेणा से इंदौर के घनश्याम शुक्ल व उनकी बहन आशा शर्मा ने 45 किलो घी दिया है। गोविंद खंडेलवाल के माध्यम में प्रतिमाह की 1 एवं 15 तारीख को बाफले के लिए आटा दिया जाएगा।
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