scriptवृद्धों की पेंशन ही खा गया बैंक का यह अफसर | Manager's shopping, affair filed with the old age pension scheme money | Patrika News

वृद्धों की पेंशन ही खा गया बैंक का यह अफसर

locationउज्जैनPublished: Apr 26, 2019 12:03:45 pm

Submitted by:

anil mukati

पीएनबी के मैनेजर ने खाताधारकों के पैसे से कर ली शॉपिंग, मृत लोगों के खातों के रुपए निकाल लिए, शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू की ने किया प्रकरण दर्ज

उज्जैन. पंजाब नेशनल बैंक उज्जैन में धोखाघड़ी का नया मामला सामने आया है। इसमें सुभाष नगर ब्रांच के मैनेजर ने संदिग्ध आहरण कर करीब 4 लाख रुपए अपने परिचित के खातों में जमा कर दिए। मैनेजर ने हरियाणा में पदस्थापना के दौरान वृद्धावस्था पेंशन की राशि खाताधारक के मृत होने के बाद परिचित के खातों में डाल दी। इसी के साथ इन लोगों के पैसे से दुकानदारों को भी भुगतान किया। यह मामला ब्रांच के अन्य मैनेजर पीएन कटारिया की नजर में आया। इन्होंने 28 फरवरी को ईओडब्ल्यू में मामले की शिकायत की। जांच के उपरांत पूर्व मैनेजर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।


पुलिस अधिक्षक ईओडब्ल्यू उज्जैन राजेश रघुवंशी ने बताया कि पीएनबी बैंक सुभाष नगर के मैनेजर सुभाष ठाकुर पिता जगन ठाकुर ने बैंक के शासकीय कम्प्यूटर में अपनी यूजर आइडी व पार्सवर्ड से अधिकृत नहीं होने के बावजूद अलावलपुर जिला पलवल के खाताधारक ज्ञान सिंह, सुमेरी, किरोड़ी, लख्खों, टीकाराम, लच्छोदेवी के शासन द्वार प्रदान वृद्धावस्था पेंशन के खाते की रकम को अपने परिचित के खातों में डाल दिया। यह लोग मृत हो चुके हैं। यह करीब 3.10 लाख रुपए है। इसी के साथ उज्जैन में भी कई संदिग्ध आहरण किए। यह रकम 4.22 लाख रुपए है। सुभाष ठाकुर ने अलावलपुर में पदस्थापना के दौरान आयुष चौहान पिता सुभाष ठाकुर के नाम से फर्जी खाता भी खोला। जबकि उनके पुत्र का नाम सुरेंद्र ठाकुर है। इसी के साथ मैनेजनर ने उक्त मृत लोगों के खातों के पैसे से दुकानदारों को भी भुगतान किया गया। पुलिस जांच के बाद मैनेजर सुभाष के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी मैनेजर मूलत: उत्तरप्रदेश के बांदा का निवासी है। इसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है।


शाखा में हुए संदिग्ध लेन-देन
पीएनबी की सुभाषनगर शाखा में संदिग्ध लेन-देन हुए। इन लेन-देन की जांच बैंक स्तर पर मैनेजर ने की तो पूरा मामला पकड़ में आ गया। इसके बाद मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू में हुई। अब आरोपी मैनेजर के पूर्व कार्यकाल के कई अन्य मामलों को भी देखा जा रहा है। प्रभारी के हाथ में लोन सहित अन्य प्रक्रिया होती है। ऐसे में कोई अन्य बड़ी गड़बड़ी तो नहीं की गई, जिससे बैंक को ज्यादा बड़ी आर्थिक हानि हो।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो