सफाई के नाम पर ढूंढ रहे सिक्के
नगर निगम ने नदी में सफाई के लिए कई कर्मचारियों को तैनात किया था। रविवार को भी कर्मचारी नदी में फावड़ा लेकर नजर आए लेकिन इनमें से अधिकांश गंदगी बाहर निकालने की जगह नदी में सिक्के, अंगूठी आदि ढूंढने में लगे थे।
नगर निगम ने नदी में सफाई के लिए कई कर्मचारियों को तैनात किया था। रविवार को भी कर्मचारी नदी में फावड़ा लेकर नजर आए लेकिन इनमें से अधिकांश गंदगी बाहर निकालने की जगह नदी में सिक्के, अंगूठी आदि ढूंढने में लगे थे।
रात 3 बजे त्रिवेणी पहुंचा नर्मदा का पानी
प्रशासन की मांग पर एनवीडीए ने क्षिप्रा के लिए ४ एमसीएम पानी छोड़ा है। शनिवार शाम को देवास से नर्मदा का पानी छोड़ा गया था। देर रात करीब ३ बजे नर्मदा का पानी त्रिवेणी घाट पर पहुंच गया था। त्रिवेणी बैराज के गेट बंद कर पहले यहां पानी जमा किया गया। सुबह करीब ६ बजे तक त्रिवेणी बैराज पूरी तरह भरने के बाद ओव्हरफ्लो होना शुरू हो गया था। इसके बाद त्रिवेणी बैराज के गेट खोल दिए गए। नर्मदा का पानी आगे बढ़ाने के लिए गऊघाट के गेट भी खोल दिए गए। शाम करीब ५.३० बजे तक नर्मदा का पानी रामघाट पहुंंच गया था। शुरुआत में पानी को बहने दिया गया ताकि नीचे की गंदगी इसके साथ आगे बह जाए।
प्रशासन की मांग पर एनवीडीए ने क्षिप्रा के लिए ४ एमसीएम पानी छोड़ा है। शनिवार शाम को देवास से नर्मदा का पानी छोड़ा गया था। देर रात करीब ३ बजे नर्मदा का पानी त्रिवेणी घाट पर पहुंच गया था। त्रिवेणी बैराज के गेट बंद कर पहले यहां पानी जमा किया गया। सुबह करीब ६ बजे तक त्रिवेणी बैराज पूरी तरह भरने के बाद ओव्हरफ्लो होना शुरू हो गया था। इसके बाद त्रिवेणी बैराज के गेट खोल दिए गए। नर्मदा का पानी आगे बढ़ाने के लिए गऊघाट के गेट भी खोल दिए गए। शाम करीब ५.३० बजे तक नर्मदा का पानी रामघाट पहुंंच गया था। शुरुआत में पानी को बहने दिया गया ताकि नीचे की गंदगी इसके साथ आगे बह जाए।
कचरे के लिए लगाई जालियां
रामघाट पर नदी में कुछ जगह जालियांें के पीट नूमा बनाए गए हैं। श्रद्धालु इसमें निर्माल्य सामग्री डाल सकेंगे। इससे निर्माल्य का कचरा पूरी नदी में नहीं बहेगा और बाद में उसे आसानी से बाहर निकाला जा सकेगा। बता दें कि कुछ दिन पूर्व निगमायुक्त ऋषि गर्ग ने रामघाट का निरीक्षण कर क्षेत्रीय लोगों से चर्चा की थी। इसके बाद उन्होंने नदी में जालियां लगाने के निर्देश दिए थे।
रामघाट पर नदी में कुछ जगह जालियांें के पीट नूमा बनाए गए हैं। श्रद्धालु इसमें निर्माल्य सामग्री डाल सकेंगे। इससे निर्माल्य का कचरा पूरी नदी में नहीं बहेगा और बाद में उसे आसानी से बाहर निकाला जा सकेगा। बता दें कि कुछ दिन पूर्व निगमायुक्त ऋषि गर्ग ने रामघाट का निरीक्षण कर क्षेत्रीय लोगों से चर्चा की थी। इसके बाद उन्होंने नदी में जालियां लगाने के निर्देश दिए थे।