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लोकायुक्त की जांच में आए एमआईटी, एसजीएसआइटी और रीवा मेडिकल कॉलेज

locationउज्जैनPublished: Feb 14, 2020 09:40:52 pm

आय से अधिक संपत्ति में पकड़ाए सहकारिता निरीक्षक के बच्चे इन्हीं कॉलेज में पढ़े, लोकायुक्त ने पत्र लिखकर इन कॉलेजों से मांगी बच्चों की फीस की जानकारी

MIT, SGSIT and Rewa Medical College under investigation by Lokayukt.

आय से अधिक संपत्ति में पकड़ाए सहकारिता निरीक्षक के बच्चे इन्हीं कॉलेज में पढ़े, लोकायुक्त ने पत्र लिखकर इन कॉलेजों से मांगी बच्चों की फीस की जानकारी

उज्जैन। लोकायुक्त पुलिस ने सहकारिता निरीक्षक निर्मल राय के तीन बेटों की पढ़ाई पर खर्च किए गए राशि का हिसाब मांगा है। इसके लिए महाकाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (एमआईटी), श्रीगुरु सांदीपनि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी एंड साइंट (एसजीएसआइटी ) तथा रीवा के मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि बच्चों के प्रवेश से लेकर अंतिम वर्ष तक कितनी फीस जमा की, होस्टल का कितनी राशि जमा की गई।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा सहकारिता निरीक्षक निर्मल राय के से आय से अधिक संपत्ति के छापे में सामने आया था कि उसने अपने तीनों बेटों को उच्च शिक्षा दिलवाई है। इसमें एक बेटे अर्पित राय को एसजीएसआइटी से बीआर्क ,दूसरे बेटे अंकित राय ने एमआइटी कॉलेज से इंजीनियरिंग तथा तीसरे बेटे आयुष राय ने रीवा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है। सरकारी नौकरी में रहते राय ने तीनों बेटों की पढ़ाई में खूब राशि खर्च की है। लिहाजा लोकायुक्त ने अब तीनों कॉलेज को पत्र लिखा है। इसमें कॉलेजों से पूछा कि उक्त विद्यार्थी आपके कॉलेज में कब प्रवेश लिया और कब छोड़ा। इन्होंने कॉलेज में कब कितनी फीस जमा की गई। फीस नकद थी या चेक के माध्यम से दी गई। कॉलेज द्वारा पढ़ाई के दौरान ली गई गई पूरी राशि का हिसाब दें। लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा का कहना है कि तीनों बच्चों की पढ़ाई में काफी रुपए खर्च हुआ है। इसका सोर्स क्या था, क्या यह भ्रष्टाचार की कमाई की राशि कॉलेजों में दी गई। इसी बात की जानकारी के लिए कॉलेज को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है।
आठ में से चार बैंक खातों में मिले ७.११ लाख
लोकायुक्त पुलिस को सहकारिता निरीक्षक राय के घर से आठ बैंक खाते की जानकारी मिली थी। शुक्रवार को इसमें चार बैंकों से अकाउंट की डिटेल मिली है। इसमें एक्सिस बैंक में ११ हजार, परस्पर सहकारी बैंक में ७६ हजार, अपेक्स बैंक में १.२४ लाख तथा एसबीआई में ५ लाख रुपए निकले है। अभी चार बैंकों की जानकारी और सामने आना बाकी है।
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सहकारिता उपायुक्त से पूछा- किस नियम के तहत घर पर रखी थी सहकारी संस्थाओं की फाइल
लोकायुक्त पुलिस ने सहकारिता विभाग के उपायुक्त ओपी गुप्ता को भी पत्र लिखकर आठ बिंदुओं की जानकारी मांगी है। इसमें पूछा गया है कि राय के पास कितनी गृह निर्माण संस्था व सहकारी संस्था का परिसमापक बनाया था और कब तक रहा। राय द्वारा किन संस्थाओं को ऑडिट निरीक्षण किया गया। संस्थाओं की फाइल सहकारिता निरीक्षक के घर क्यों रखी गई थी, क्या फाइल घर रखने के लिए अधिकृत था। फाइल घर पर रखी थी तो विभाग ने इस संबंध में क्या कार्रवाई की। क्या सहकारिता निरीक्षक राय निजी स्तर पर संस्थाओं की फाइलों को अपने पास रखकर उनका निपटारा करता था। लोकायुक्त डीएसपी शर्मा के मुताबिक सहकारी संस्थाओं की यह फाइल भ्रष्टाचार का माध्यम रही है। आय से अधिक संपत्ति के पीछे यह एक बड़ा साक्ष्य है।

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