पंचांग की गणना के अनुसार सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश 16 जुलाई को होगा, जिसका परिभ्रमण 17 अगस्त तक होने से इस दौरान संपूर्ण भारत में वर्षा की श्रेष्ठ स्थिति दिखाई देगी। हालांकि कुछ स्थानों पर खंड वृष्टि का भी योग बनेगा।
ग्रह गोचर की गणना तथा नाड़ी सिद्धांत के आधार पर देखें तो इस बार मानसून में वर्षा का प्रतिशत 80 प्रतिशत श्रेष्ठ व 20 प्रतिशत कमजोर रहेगा। यह गणित खंड वृष्टि तथा बारिश की खेंच दोनों को मिला कर के किया जा रहा है।
ग्रहों की दृष्टि संबंध तथा गोचर से संबंधित राशियों पर परिभ्रमण की स्थिति पारंपरिक खेती को उन्नत करेगी। साथ ही जैविक क्रिया से संबंधित कृषि का बाजार आकार बढ़ाएगा। हालांकि इस दौरान इनऑर्गेनिक एग्रीकल्चर का स्टैंड थोड़ा कमजोर होगा।
समय-समय पर ग्रहों का राशि परिवर्तन तथा दृष्टि संबंध परंपरागत व्यापार अथवा व्यवसाय पर विशेष प्रभाव डालेगा। हालांकि इस दौरान शुभ ग्रहों का दृष्टि संबंध आर्थिक दृष्टिकोण से व्यापारियों के लिए अनुकूल रहेगा।