उज्जैन

नाबालिग से छेड़छाड़ करना पड़़ा महंगा, अब खाएगा जेल की हवा

न्यायालय ने सुनाई सजा, अर्थदंड भी लगाया

उज्जैनJan 04, 2020 / 01:05 am

Mukesh Malavat

न्यायालय ने सुनाई सजा, अर्थदंड भी लगाया

शाजापुर. न्यायालय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम 2012 एवं द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शाजापुर ने अपने एक फैसले में नाबालिग के साथ छेड़छाड़ और झूमाझटकी करने वाले आरोपी को विभिन्न धाराओं में अर्थदंड व कारावास की सजा से दंडित किया है।
मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार एडीपीओ शाजापुर ने बताया गया पीडि़ता ने 22 सिंतबर 2018 को आरक्षी केंद्र सुंदरसी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पवन कुमार पिता देवकरण निवासी ग्राम सिमरोल थाना सुंदरसी उसके घर के पास रहता है। वो करीब 15-20 दिन से घूरता रहता है। 22 सितंबर 2018 को नाबालिग के माता-पिता ग्राम बटावदा हुए थे। घर पर वो और उसका भाई अकेले थे। दोपहर करीब 4 बजे जब नाबालिग का भाई खाना खाने के लिए अंदर गया और वह दुकान पर बैठी हुई थी उसी समय आरोपी पवन वहां आया और पान मसाले का पाउच मांगा। जब नाबालिग ने उसे पाउच दिया तभी पवन दुकान के अंदर आ गया और बूरी नियत से उसके साथ छेडख़ानी करते हुए झूमाझटकी करने लगे। स्वयं को छुड़ाने में नाबालिग को गाल और कलाई पर चोट आ गई। नाबालिग के चिल्लाने पर उसका भाई घर के अंदर से बाहर आया तो आरोपी पवन उसे देखकर वहां से भाग गया। जब माता-पिता घर लौटे तो पीडि़ता ने उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद सभी ने मिलकर सुंदरसी थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले में सुंदरसी पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। न्यायालय में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक रमेश सोलंकी अतिरिक्त डीपीओ एवं विशेष लोक अभियोजक देवेंद्र मीणा डीपीओ ने गवाह कराए।
अलग-अलग धाराओं में सुनाई सजा
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक देवेंद्र मीणा डीपीओ शाजापुर के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी पवन को धारा 452 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 354 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 354(ए) में 1 वर्ष का सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 354(घ) में 1 वर्ष का सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 323 भादवि में 3 माह का सश्रम कारावास और 500 रुपए अर्थदंड और लैगिंक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम 2012 की धारा 8 के अधीन 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि जमा ना होने पर आरोपी को अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भी पृथक-पृथक धाराओं में अलग-अलग दी गई। अर्थदंड की राशि जमा होने पर उसमें से 10 हजार रुपए प्रतिकर स्वरूप पीडि़ता को उसके वैध संरक्षक के माध्यम से अपील अवधि उपरांत दिलाए जाने के आदेश भी दिए गए। यहां से आरोपी को जेल वारंट बनाकर जेल भेज दिया गया। पीडि़ता के साथ के साथ लैंगिक उत्पीडन की जो घटना हुई हैं उसमें उसके मानसिक स्वास्थ पर पडऩे वाले प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए उचित प्रतिकारात्मक राशि दिलाए जाने की अनुशंसा भी न्यायालय द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाजापुर को की गई है। प्रकरण के संचालन में विशेष सहयोग एडीपीओ अजय शंकर एवं आरक्षक युवराज का रहा।
———

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.