जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेष गुप्ता, बसंत शर्मा, बीएल देवलिया की टीम ने चिंतामण गणेश मंदिर के आसपास की प्रसादी दुकानों की जांच की। टीम ने प्रसाद प्रसाद निर्माण स्थल महाकाल मिष्ठान भंडार से बंूदी लड्डू का नमूना व मां प्रसाद भंडार से मावा पेड़ा मोदक का नमूना लिया। टीम ने खाद्य लाइसेंस व लड्डू गुणवत्ता की जांच की। टीम ने व्यापारियों को लड्डू निर्माण में वनस्पति घी व देशी घी की जानकारी प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने व्यापारियों से कहा कि ग्राहकों को बताया जाए कि घी वनस्पिति में बने है या देशी घी में। अधिकारियों के अनुसार विभाग द्वारा जांच सतत जारी रहेगी। दरअसल चिंतामण गणेश मंदिर के बाहर लगने वाली प्रसादी दुकान में बड़े पैमाने पर लड्डू प्रसादी रखी रहती है। भक्तों को इस प्रसादी से मुनाफा ज्यादा कमाने के लिए दुकानदार ज्यादा शक्कर मिलाते है। इससे लड्डुओं को वजन तो बढ़ता है लेकिन दुकानदार का अधिक खर्च नहीं होता है। ऐसे में भक्त रूपए देने के बाद भी लुटाते है। वहीं इन लड्डुओं में डाले जाने वाले घी की गुणवत्ता भी हमेशा विवादों में रही है। लड्डुओं को देशी घी का बना बताकर इसमें वनस्पति घी मिलाते है। ऐसे लड्डू स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होते हैं।