शहर के लगभग सभी रिहायशी क्षेत्रों के चौराहे व गलियों में आवारा श्वानों का जमावड़ा और बढ़ गया है। समस्या की रोकथाम के लिए नगर निगम द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। नतीजतन बड़ी संख्या में लोग श्वानों के हमले का शकार हो रहे हैं। स्थिति यह है कि प्रतिदिन औसत ५० से अधिक घायल जिला अस्पताल में एंटी रैबिज का इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। जुलाई में ही १५३५ लोग श्वान की काटे का शिकार होकर जिला अस्पताल में रजिस्टर्ड हुए। इनके अलावा निजी अस्पतालों में उपचार के लिए आने वालों की भी बड़ी संख्या है।
श्वान के काटने पर यह करें - तत्काल साफ पानी और साबुन से प्रभावित अंग को ५ मिनट तक धोएं।
- साफ कपड़े से हल्के-हल्के घाव को पौछे।
- बिना चिकित्सीय सलाह के घाव पर चूना आदि न लगाएं।
- डॉक्टर्स से परामर्श लें व इंजेक्शन लगवाएं।
- एक महीने तक खट्टा, तला-गला खाने से बचें।
केस-1
गांधीनगर निवासी सुभाष द्रोणावत को कुछ सप्ताह पूर्व क्षेत्र में ही आवारा श्वान ने हमला कर घायल कर दिया। उन्होंने सोमवार को चौथ इंजेक्शन लगवाया।
केस-2
विवेकानंद नगर निवासी श्याम रविवार दोपहर नानाखेड़ा से गुजर रहे थे। सड़क पर एक आवारा श्वान ने हमला कर पांव में काट लिया।
केस-3
9 वर्षीय संध्या राठौर को रविवार शाम एक पालतु श्वान ने हाथ पर काट लिया। घबराई बच्ची इंजेक्शन लगवाने जिला अस्पताल पहुंची।
- साफ कपड़े से हल्के-हल्के घाव को पौछे।
- बिना चिकित्सीय सलाह के घाव पर चूना आदि न लगाएं।
- डॉक्टर्स से परामर्श लें व इंजेक्शन लगवाएं।
- एक महीने तक खट्टा, तला-गला खाने से बचें।
केस-1
गांधीनगर निवासी सुभाष द्रोणावत को कुछ सप्ताह पूर्व क्षेत्र में ही आवारा श्वान ने हमला कर घायल कर दिया। उन्होंने सोमवार को चौथ इंजेक्शन लगवाया।
केस-2
विवेकानंद नगर निवासी श्याम रविवार दोपहर नानाखेड़ा से गुजर रहे थे। सड़क पर एक आवारा श्वान ने हमला कर पांव में काट लिया।
केस-3
9 वर्षीय संध्या राठौर को रविवार शाम एक पालतु श्वान ने हाथ पर काट लिया। घबराई बच्ची इंजेक्शन लगवाने जिला अस्पताल पहुंची।
इस वर्ष अब तक १२ हजार को श्वानों ने काटा
माह श्वान का शिकार हुए
जनवरी २०२९
फरवरी १७५२
मार्च १८५७
अप्रैल १६६८
मई १६००
जून १६९३
जुलाई १५३५
कुल १२१३४
(श्वान के काटने के बाद उपचार के लिए जिला अस्पताल में आए मरीजों की संख्या)
माह श्वान का शिकार हुए
जनवरी २०२९
फरवरी १७५२
मार्च १८५७
अप्रैल १६६८
मई १६००
जून १६९३
जुलाई १५३५
कुल १२१३४
(श्वान के काटने के बाद उपचार के लिए जिला अस्पताल में आए मरीजों की संख्या)