बहू को बच्चा नहीं हुआ ताने मार-मारकर ले ली जान
उज्जैनPublished: Feb 04, 2020 05:05:42 pm
महिला ने कुएं में कूदकर कर ली थी आत्महत्या, सास व ससुर को तीन-तीन वर्ष की कैद
उज्जैन. बहू को बच्चा नहीं होने पर ताना मारने वाले ससुर दुलाजी पिता देवाजी व सास सम्पतबाई पति दुलाजी निवासी ग्राम पाताखेड़ी, तहसील महिदपुर को कोर्ट ने तीन-तीन वर्ष की कैद तथा छह हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं पति और बुआ को संदेह का लाभ देकर न्यायालय ने बरी कर दिया। कोर्ट ने प्रकरण में आरोपी की सजा पर दया नहीं बरतते हुए कहा कि ऐसे अपराध समाज में बढ़ रहे हैं।
उप-सचांलक अभियोजन डॉ साकेत व्यास ने बताया कि पीडि़त बहू ने 30 अप्रैल 2019 को झारडा थाना पहुंचकर शिकायत की कि दशरथ की पत्नी रामकन्याबाई दिनांक 29 अप्रैल की रात 10 बजे बिना बताए घर से चली गई है। मामले में पुलिस जांच कर ही रही थी कि ससुर दुलाजी के मोबाइल पर उसके परिजनों ने सूचना दी कि उसकी बहू रामकन्याबाई ग्राम पाताखेड़ी में रामलाल के कुएं में पड़ी है। पुलिस ने रामकन्याबाई के पिता नारायण, माता रेशमबाई, बड़े पिता रामचन्द्र, काका रमेश एवं अन्य साक्षी कमल उर्फ कमलेश व प्रभुलाल के कथन लिए। जांच में सामने आया कि रामकन्याबाई का विवाह घटना दिनांक से पांच वर्ष पूर्व अभियुक्त दशरथ निवासी ग्राम पाताखेड़ी से हुआ था। विवाह के बाद रामकन्या बाई को कोई संतान पैदा नहीं होने उसका पति दशरथ, सास सम्पतबाई, ससुर दुलाजी एवं बुआ सास शांताबाई ताने मारकर परेशान करते थे और प्रताडि़त करते थे। साथ ही दशरथ की दूसरी शादी करने की बात कहते थे। इसी से परेशान होकर रामकन्या बाई ने कुएं में गिरकर आत्महत्या कर ली। पुलिस द्वारा न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने के बाद कोर्ट ने सास-ससुर को सजा सुनाई। वहीं अभियुक्त दशरथ और शांताबाई को संदेह का लाभ देकर न्यायालय द्वारा दोषमुक्त
किया गया है।