scriptकोमल है कमजोर नहीं तू…शक्ति का नाम ही नारी है… | Movement was carried out by sisters of Rashtra Sevika Samiti | Patrika News

कोमल है कमजोर नहीं तू…शक्ति का नाम ही नारी है…

locationउज्जैनPublished: Oct 12, 2019 10:12:39 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

Ujjain News: राष्ट्र सेविका समिति की बहनों द्वारा पथ संचलन निकाला गया

Movement was carried out by sisters of Rashtra Sevika Samiti

Ujjain News: राष्ट्र सेविका समिति की बहनों द्वारा पथ संचलन निकाला गया

उज्जैन। नवरात्रि पर्व शक्ति की आराधना एवं सीमा उल्लंघन का पर्व है । विचारों में सशक्तता हो एवं व्यवहार में नम्रता ही शक्ति सम्पन्नता का परिचायक है । नारी विचारो एवं कर्म से पूर्ण रूपेण शक्ति का प्रतीक है। यह बात कार्यक्रम की मुख्य वक्ता एवं राष्ट्र सेविका समिति की प्रान्त सेवा प्रमुख श्रुति केलकर ने पथ संचलन के अवसर पर कही।

शस्त्र पूजन व विजयादशमी उत्सव मनाया

इस संबंध में जानकारी देते हुवे राष्ट्र सेविका समिति की जिला कार्यवाहिका पिंकी आर्य ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी राष्ट्र सेविका समिति द्वारा शस्त्र पूजन व विजयादशमी उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियो ने शस्त्र पूजन किया। उसके बाद ध्वजारोहण, व्यक्तिगत गीत के पश्यात मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्र सेविका समिति की प्रान्त सेवा प्रमुख श्रुति केलकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि, संस्कृति की अस्मिता को बनाये रखने के लिए सही गलत का फर्क जानना होगा और इसके लिए हमे संस्कृति की जड़ों से जुड़कर रहना जरूरी है। वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को सदैव मन मे रखकर संस्कृति को पोषित करना है। पथ संचलन सभी को समरस एवं संगठित करने का माध्यम है। समाज को संगठित करने का यही कार्य अनुशासित संगठन के बल पर सम्पूर्ण देश मे राष्ट्र सेविका समिति द्वारा किया जा रहा है।

दीपावली पर चाइना व अन्य विदेशी वस्तुओं का उपयोग न करे

आव्हान किया कि , हम आने वाली दीपावली पर चाइना व अन्य विदेशी वस्तुओं का उपयोग न करके स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करे। उपस्थित सेविकाओं को संबोधित करते हुए आपने कहा कि, वंदनीय मौसी जी लक्ष्मी ताई केलकर का संपूर्ण जीवन सघर्ष एवं समर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण है। जिन्होंने विपरित परिस्थितियों के बाद भी महिला संगठन की स्थापना की । यह तत्कालीन परिस्थितियों में अपनेआप में पराक्रम था। आपने सभी बहनों को वंदनीय मौसी जी के विचारों को आत्मसात करने का संदेश दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ ललिता पेंढारकर ने की।

प्रार्थना बाद पथ संचलन निकला

उदबोधन व प्रार्थना बाद पथ संचलन निकला, जो लोकमान्य टिळक विद्यालय परिसर से तीन बत्ती, फ्री गंज, शहीद पार्क होते हुए बॉम्बे स्टील के सामने से होकर सिंधी कॉलोनी से विवेकानंद कॉलोनी होते हुए विवेकानंद पार्क से होकर पुनः विद्यालय परिसर पर सम्पन्न हुआ । पूरे मार्ग में विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। संचलन में 550 की संख्या में महिलाओं,युवतियां व नन्ही बहने भी शामिल थी। व्यक्तिगत गीत लीना श्रीवास ने लिया। मंच संचालन आस्था पांडे द्वारा किया गया।

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