ये हैं दावेदार
चेंजमेकर- रमेशचंद्र चंदेल, नीलेश विश्वकर्मा, राजेंद्र चौहान
भाजपा- दिलीपसिंह शेखावत, शोभा गोपाल यादव, दयाराम धाकड़,
कांग्रेस के मजबूत दावेदार – दिलीपसिंह गुर्जर, बंसत मालपानी, सूर्यप्रकाश शर्मा
कुछ ऐसी हैं यहां समस्याएं
1. बिरलाग्राम रहवासी क्षेत्र में तंग गलियां होने से फायर फाइटर नहीं पहुंच पाते। यहां किसी तरह की आगजनी होने पर फायर फाइटरों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है।
2. अवैध शराब का क्रय-विक्रय डायरी सिस्टम से संचालित होता है। इस कारण महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के साथ आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। इसे बंद करने की आवश्यकता है।
3. शासकीय अस्पताल काफी समय से चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। नागदा अस्पताल में महिला चिकित्सक की कमी शुरू से खलती आ रही है। चिकित्सकों की कमी दूर की जाए।
4. कन्या महाविद्यालय की कमी शहर की बालिकाओं को हमेशा से खलती रही है। भूमि चयन नहीं होने से निर्माण हमेशा ठंडे बस्ते में पहुंच जाता है। महाविद्यालय की शुरूआत हो।
5. शहर की सफाई व्यवस्था नहीं सुधर रही है। स्लम बस्तियों में सफाई कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचते। रहवासियों द्वारा इसकी शिकायत की जाती है।
6. शहर के दोनों पुलिस थाने स्टॉफ की कमी से जूझ रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं की है, विवाद में महिला फरियादी को पुरूष पुलिस स्टॉफ के समक्ष पीड़ा बयां करने में असहजता होती है।
7. शहर में छोटे-बड़े मिलाकर करीब एक दर्जन से अधिक उद्योग स्थापित हैं। बावजूद इसके सैकड़ों युवा बेरोजगार हैं। उद्योग में स्थानीय युवाओं को मौका मिले।
8. मुख्य मार्गों के साथ ही रिहायशी क्षेत्रों में आवारा मवेशियों से शहरवासी परेशान है। कांजी हाउस का निर्माण वर्षों से अधर में पड़ा है।
9. यातायात पुलिस जवानों की कमी से प्रमुख चौराहों पर जाम की स्थिति निर्मित होती है। इसे दूर किए जाने की आवश्यकता है।
10. मौसमी बीमारियों व आपदाओं से किसान परेशान रहता है। किसानों को शासकीय योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता।