उज्जैनPublished: Dec 22, 2019 09:04:33 pm
Kamlesh verma
शहर में जल्द ही नवीन शासकीय अस्पताल भवन का निर्माण शुरु होगा। योजना अनुसार कार्य चला तो आगामी तीन माह के भीतर नवीन भवन बनकर खड़ा हो जाएगा।
कांच की खिड़कियों से दमकेगा नागदा शासकीय अस्पताल
दुकानदारों को दिया अल्टीमेटम, विस्थापित करें दुकान
नागदा। शहर में जल्द ही नवीन शासकीय अस्पताल भवन का निर्माण शुरु होगा। योजना अनुसार कार्य चला तो आगामी तीन माह के भीतर नवीन भवन बनकर खड़ा हो जाएगा। निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अस्पताल की सीमा में आने वाले दुकानों को बुलाकर जिला स्वास्थ्य विभाग के पीयूआई आरडी शर्मा ने परिसर की सीमा क्षेत्र में आने वाले दुकानदारों की एक बैठक आहुत की। जिसमें दुकानदारों को जल्द ही दुकानें विस्थापित कर आगामी तीन माह के लिए दुकानों को अन्य स्थान पर जाना होगा। दुकानों को हटाए जाने के लिए पीयूआई के आरडी शर्मा ने दुकानदारों को समझाईश देते हुए इस बात की पुष्टि की है कि, नए भवन का निर्माण गायत्री मंदिर के सामने मौजूद दुकानों को तोडऩे के बाद ही शुरु किया जा सकता है। निर्माण के लिए मध्य प्रदेश शासन की ओर से नवीन शासकीय अस्पताल निर्माण के लिए बीते तीन वर्ष पूर्व 7.50 करोड़ रुपए की राशि की स्वीकृति दी गई थी। शहर के कई स्थानों पर पीयूआई द्वारा जमीन तलाशी गई, लेकिन भूमि नहीं मिल सकी। जिसके बाद पीयूआई द्वारा पुराने भवन को ही तोड़कर ही तीन मंजिला भवन बनाए जाने की योजना तैयार की गई।
कलेक्टर से मांगेगे अनुमति
नवीन भवन निर्माण को लेकर पीयूआई द्वारा एक ड्राईंग तैयार की गई है। जिसमें नवीन भवन का वास्तविक रुप है। तीन मंजिला भवन में पार्किंग व्यवस्था को भी शामिल किया गया है। शुरुआती दौरान में पीयूआइ ने निर्णय लिया है कि, पुराने भवन के सीमाक्षेत्राधिकार में आने वाली दुकानों को तोड़ा जाए। जिसके लिए संबंधित दुकानदारों की एक बैठक आहुत कर उन्हें दुकानें खाली करने के दिशा निर्देश दिए गए है। दुकानों के खाली होने के बाद कलेक्टर उज्जैन से अनुमति मांगकर दुकानों को तोड़े जाने का कार्य शुरु किया जाएगा। तीन चरणों में निर्मित होने वाले अस्पताल का पहला चरण गायत्री मंदिर के सामने मौजूद दुकानों को तोड़ा जाना है। बुनियादी सुविधाओं की कमी से जुझ रहे शासकीय अस्पताल भवन में वर्तमान में 26 बैड है। नवीन भवन में करीब 95 बैड रहेंगे। दूसरी ओर निर्माण के डिजाइन को इस प्रकार तैयार किया गया है कि,
निर्माण के दौरान यह आएगी चुनौती
नवीन भवन निर्माण के दौरान अस्पताल प्रबंधन को विविकं का भवन शिफ्ट करना है सबसे बड़ी चुनौती हो सकता है। दरअसल
पूर्व में विद्युत वितरण कंपनी का दफ्तर जवाहर मार्ग पर एक किराए के कमरे में संचालित होता था। जिसके बाद विविकं के अफसरों के मौखिक मनुहार पर सिविल अस्पताल की रिक्त पड़ी भूमि पर कंपनी की सामग्री रखने के लिए मांगा गया। सामग्री के साथ ही कंपनी द्वारा उक्त स्थान पर एकाधिकार जमाते हुए उपभोक्ता बिल भुगतान करवाया जाने लगा। अब परेशानी यह आ रही है कि, नवीन भवन निर्माण की ड्राईंग तैयार किए जाने के पूर्व अस्पताल के क्षेत्राधिकार में आने वाली भूमि को खाली करवाया जाए। मामले को लेकर बीएमओ प्रभारी कमल सोलंकी द्वारा विविकं को एक नोटिस देते हुए भूमि को जल्द से जल्द खाली करवाए जाने की बात कही है। भूमि के रिक्त होती पुराने भवन को डिस्मेटल कर भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो सकेगी।
निर्माण समयावधि में शिफ्ट होगा अस्पताल
निर्माण प्रक्रिया के पहले चरण में अस्पताल परिसर और क्षेत्राधिकार में आने वाली भूमि को खाली कराया जाना है। इमारत निर्माण के दौरान अस्पताल की चिकित्सय सुविधा को कुछ करीब एक वर्ष के लिए इंगोरिया रोड स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाएगा। दूसरी ओर अस्पताल के प्रवेश द्वार के समीप मौजूद रोकस की दुकानों को भी तोड़ा जाएगा। दुकान तुटने के पूर्व संबंधितों को नोटिस देते हुए आगामी समयावधि की लीज रोकस की ओर से बढ़ाई जाएगी।