उज्जैन

जैसे सूरज की गर्मी से…गीत गाने वाले शर्मा बंधुओं का नाम फिर चमका

Ujjain News: कोरोना काल में बनाया गीत सोशल मीडिया पर मचा रहा धूम

उज्जैनMay 13, 2020 / 09:43 pm

Lalit Saxena

Ujjain News: कोरोना काल में बनाया गीत सोशल मीडिया पर मचा रहा धूम

उज्जैन. कोरोना काल व लॉक डाउन के दौर में जब सभी दूर जागरुकता की बात कही जा रही हो, लोग एक-दूसरे का हौसला बढ़ाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे हों, तो ऐसे में भला गायकों के कंठ से मधुर सुरों की गंगा न बहे, यह कैसे हो सकता है। शर्मा बंधु के नाम से मशहूर जोड़ी ने एक बार फिर धमाल मचा दिया। यह जोड़ी हिंदुस्तान में उस समय फेमस हुई थी, जब 1974 में फिल्म परिणय के लिए इन्होंने एक खूबसूरत गीत गाया था…जो आज भी प्रासंगिक है। यह गीत था…जैसे सूरज की गरमी से जलते हुए तन को मिल जाए तरुवर की छाया…ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जबसे शरण तेरी आया…मेरे राम…।

पूरे विश्व में हलचल मचा दी

मूल उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले प्रसिद्ध शर्मा बंधु (जो कि अब उज्जैन के निवासी हो गए) द्वारा कोरोना पर गीत की रचना की गई है, साथ ही इस गीत ने सोशल मीडिया के जरिए पूरे विश्व में हलचल मचा दी है। आम लोगों द्वारा भी यह काफी पसंद किया जा रहा है। पं. गोपाल, कौशलेंद्र, राघवेंद्र व सुखदेव शर्मा चारों भाई शर्मा बंधु के नाम से जाने जाते हैं। इस जोड़ी ने महाकाल की नगरी में परिवार के साथ रहना निश्चित किया। उनके परिवार के पं. आंजनेय शर्मा अंजुल ने बताया कि हेशटैग उज्जैन के लिए कोरोना गीत की रचना की गई थी, बाद में अन्य सोशल प्लेटफॉर्म पर यह वायरल हो गया। इस गीत में कोरोना से लडऩे और सतर्क रहने संबंधी बातें कही गई हैं।

ये हैं गीत के बोल…
विश्वास छोडि़ए ना ये आस छोडि़ए ना, जीतेंगे डरो नहीं हारेगा कोरोना।
स्वस्थ रहो, मस्त रहो, घर में ही रहो और व्यस्त रहो।
कुछ हंसने में कुछ गाने में, खतरा है बाहर जाने में।
विश्वास छोडि़ए ना ये आस छोडि़ए ना, जीतेंगे डरो नहीं हारेगा कोरोना।
इस गीत को फेसबुक, यू-ट्यूब व अन्य सोशल नेटवर्क पर काफी पसंद किया जा रहा है।

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