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यहां पीएम आवास योजना की राशि डालने में बरत रहे लापरवाही

locationउज्जैनPublished: Oct 14, 2019 01:03:40 am

Submitted by:

Mukesh Malavat

दो माह में केवल 700 हितग्राहियों को ही मिली किस्त की राशि

Negligence in putting amount of PM housing scheme here

दो माह में केवल 700 हितग्राहियों को ही मिली किस्त की राशि

नागदा. नगर पालिका के पास आवास योजना के हितग्राहियों को देने के लिए अभी भी 11 करोड़ 40 लाख रुपए की राशि शेष पड़ी हुई है। इस राशि से 1140 हितग्राहियों को एक-एक लाख रुपए की किस्त का भुगतान किया जा सकता है, लेकिन अधिकारियों द्वारा किस्त डालने का कार्य इतना धीमी गति से किया जा रहा है कि पिछले दो माह में मात्र 700 लोगों को ही किस्त की राशि डाली गई है।
सीएमओ सतीश मटसेनिया अब ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिखने की बात कह रहे हे। दरअसल शहर में ढाई हजार से ज्यादा ऐसे हितग्राही है जिनके आवास योजना की डीपीआर बनकर तैयार हो चुकी हैं, जिसके लिए शासन ने एक वर्ष पूर्व ही 18 करोड़ 40 लाख रुपए का भुगतान
नागदा नपा को कर दिया था, ताकि जल्द से जल्द हितग्राहियों को आवास योजना की किस्त जारी की जा सकें, लेकिन पहले नपाध्यक्ष अशोक मालवीय एवं सीएमओ के बीच किन हितग्राहियों को
किस्त डालना है उसके नाम को लेकर चले विवाद के कारण महीनों तक किस्त जारी नहीं हो सकी। यह विवाद किसी तरह से सुलझा तो अब अधिकारियों द्वारा धीमी गति से काम करने के कारण योजना का लाभ हितग्राहियों को समय पर नहीं मिल पा रहा है।
प्रमुख सचिव के आदेश को भी हवा में उड़ा रहे अधिकारी
सीएमओ सतीश मटसेनिया ने बताया कि नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने वीडियो कांन्फे्रंस के माध्यम से 8 अगस्त 2019 को आदेश जारी किया था कि किसी भी स्थिति में आदेश के सात दिवस के भीतर आवास योजना की पूरी राशि यानि 18 करोड़ 40 लाख रुपए किश्तों के रूप में हितग्राहियों के बैंक खातों में जमा हो जानी चाहिए, जिसकी जानकारी उनके द्वारा आवास योजना के प्रभारी इंजिनियर आबीद अली एवं शाहिद मिर्जा को दे दी गई थी। बावजूद इसके पिछले दो माहों में मात्र 700 हितग्राहियों को किस्त जारी हुई है और अभी भी 11 करोड़ 40 लाख रुपए की राशि का भुगतान करना शेष है। इतनी राशी का एक-एक लाख रुपए भी हितग्राहियों को पहली किस्त के रूप में भुगतान कर दिया जाएं, तो 1140 हितग्राहियों का आवास का सपना पूरा हो सकता है, लेकिन इंजीनियर है कि उनकी सुन ही नहीं रहे है और तेज गति से कार्य करने की बजाए आराम से आवास योजना के कार्य को संचालित कर रहे हैं।

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