हक्कानीपुरा आवासीय योजना की जमीन के लिए आया नया आदेश
उज्जैनPublished: Apr 30, 2019 12:46:17 am
प्राधिकरण की योजना में शासन ने धारा 50 (7) के तहत अंतिम गजट नोटिफिकेशन जारी किया
प्राधिकरण की योजना में शासन ने धारा 50 (7) के तहत अंतिम गजट नोटिफिकेशन जारी किया
उज्जैन. उज्जैन विकास प्राधिकरण की ओर से उज्जैन उत्तर क्षेत्र में पहली बार विकसित की जा रही हक्कानीपुरा आवासीय योजना पर शासन की ओर से अंतिम मुहर लग गई। यहां अधिगृहीत होने वाली 86.445 हेक्टेयर जमीन को लेकर धारा 50 (7) के तहत अंतिम गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके तहत अधिगृहीत होने वाली जमीन पर अब न तो कोई बड़ा स्ट्रक्चर खड़ा हो सकेगा और न ही प्राधिकरण की अनुमति के बगैर टीएंडसीपी और नगर पंचायत किसी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दे सकेगा। वहीं यहां किसी तरह के निर्माण के नक्शे भी नहीं बन पाएंगे।
प्राधिकरण ने वर्ष 2016 में तराना कानीपुरा रोड पर ग्राम हक्कानी पुरा व खिलचीपुर में आवासीय योजना बनाई थी। योजना के तहत ग्राम हक्कानी पुरा में ३४ हेक्टेयर तो ग्राम खिलचीपुरा में 54.314 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की जाना है। शासन ने वर्ष 2017 में योजना को स्वीकृति दी थी। इसके बाद मप्र नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम १९७३ की धारा ५० की उपधारा २ व ३ के तहत वर्ष २०१८ में अनुमति दी थी।
इन धाराओं के तहत जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों को नोटिस तथा उनकी आपत्ति सुनने की कार्रवाई पूरी की थी। वहीं अब योजना को अंतिम रूप देने धारा ५० की उपधारा ७ के तहत नोटिफिकेशन का आवेदन दिया था। इस पर मप्र सरकार ने १० अप्रैल को हक्कानीपुरा आवासीय योजना को लेकर अंतिम गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके प्रकाशन के बाद अब दोनों ग्रामों में अधिगृहीत हुई जमीन के सर्वे नंबर की जानकारी सार्वजनिक हो जाएंगे। वहीं खिलचीपुर व हक्कानीपुरा में अधिगृहीत होने वाली जमीन पर एक तरह से प्राधिकरण का आधिपत्य हो जाएगा। यहां जमीन मालिक अब कोई बड़ा निर्माण नहीं कर सकेगा। इसके अलावा किसी आवासीय प्रोजेक्ट या व्यावसायिक निर्माण की दृष्टि से भी अनुमति नहीं मिलेगी। इसके अलावा टीएंडसीपी और नगर पंचायत या नगर भी यहां किसी तरह के निर्माण या अन्य कार्य के नक्शे स्वीकृत होने से पहले प्राधिकरण की अनुमति लेगा। वहीं प्राधिकरण अब योजना के क्रियान्वयन से पीछे नहीं हटेगा।
धारा ५६ में अधिग्रहण, किसानों से चर्चा
हक्कानीपुरा आवसीय योजना में अंतिम गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब प्राधिकरण जमीन अधिग्रहण की कारवाई शुरू करेगा। जमीन लेने से पहले धारा ५६ के तहत किसानों से समझौते योजेना की जानकारी दी जाएगी। इसके तहत किसानों से ली जाने वाले जमीन का विकसित भूखंड वापस दिया जाएगा। आचार संहिता खत्म होने के बाद किसानों के साथ प्राधिकरण अधिकारियों की बैठक होगी।