भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा की तर्ज पर
भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा की तर्ज पर उज्जैन के महाकालेश्वर बाबा की पालकी यात्रा निकालने को भी प्रशासन ने मंजूरी दे दी है। अब मंदिर समिति चाह रही है कि परंपरागत मार्ग से पालकी नहीं निकालें, क्योंकि अधिक भीड़ होने का खतरा रहेगा। इसलिए मार्ग परिवर्तन पर मंथन चल रहा है।
हरसिद्धि के सामने से निकाल सकते हैं
सूत्रों के अनुसार इस बार बाबा की पालकी महाकाल मंदिर से बड़ा गणेश, हरसिद्धि माता मंदिर, रामानुजकोट होते हुए रामघाट शिप्रा तट लाया जाए। जहां पवित्र जल से बाबा का अभिषेक पूजन कर पुन: उसी मार्ग से वापस महाकाल मंदिर ले जाया जाए। हालांकि इस पर अभी कुछ भी निर्णय नहीं हो सका है। प्राप्त जानकारी अनुसार सोमवार को कलेक्टर आशीष सिंह परिवर्तित मार्ग का भ्रमण करने आ सकते हैं। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि यहां से पालकी को निकालने में किसी प्रकार की बाधा तो नहीं आएगी।
सावन माह आरंभ होने के पहले मंदिर में शुरू हो गई तैयारियां
राजाधिराज भगवान महाकाल के दरबार में सावन माह की तैयारियां शुरू हो गई हैं। श्रावण आने से पहले मुख्य द्वार पर लहराने वाली भव्य ध्वज पताका, जो कि जीर्ण-शीर्ण होकर फट चुकी थी, को बदल दिया गया है। अब यहां नई पताका लहराती नजर आ रही है। इसके अलावा गर्भगृह में लगे चांदी के परकोटों की साफ-सफाई का कार्य भी चल रहा है। मंदिर समिति के कर्मचारी ही इस कार्य को कर रहे हैं। गर्भगृह निरीक्षक अशोक ठुमरे, विनोद चौकसे के अलावा व्हील चेयर चलाने वाले दयाराम सिसौदिया, सतीश चौहान, प्रकाश जोगी आदि इसमें सहयोग प्रदान कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसकी सफाई के लिए पहले बाहर से कारीगरों को बुलाया जाता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण इस बार मंदिर कर्मचारियों से साफ-सफाई का कार्य करवाया जा रहा है।