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साल में एक बार होने वाली भस्मार्ती संपन्न
11 मार्च को प्रात: 4 बजे भगवान महाकाल को सेहरा चढाया गया। और उसके बाद प्रात: 6 बजे सेहरे की आरती की गई। उसके बाद प्रात: 11 बजे से सेहरा उतारा गया तत्पश्चात दोपहर 12 बजे से भगवान महाकाल की भस्मार्ती प्रारंभ हुई। भस्मार्ती के बाद मंदिर समिति की ओर से महाकाल प्रवचन हॉल में पारणा भोजन (ब्राम्ह्ण भोज) आयोजित किया गया। बता दें कि बाबा महाकाल में साल में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन बाबा महाकाल की भस्मार्ती दोपहर में की जाती है। कोरोना के कारण इस बार भस्मार्ती में केवल पुजारी-पुरोहित ही शामिल हुए। इस बार वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भस्मार्ती में शामिल नहीं हुए। कलेक्टर आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने कंट्रोल रूम में बैठकर समस्त व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग की। कलेक्टर श्री आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने व्यवस्था में सहयोग प्रदान करने के लिये सभी अधिकारी-कर्मचारी एवं मीडिया का आभार व्यक्त किया है।
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महाशिवरात्रि पर 80 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
बता दें कि महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ा और महाशिवरात्रि पर 80 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। हालांकि कोरोना के कारण इस बार महाशिवरात्रि पर महाकाल में 25 हजार श्रद्धालुओं को ही दर्शन कराए जाने की व्यवस्था थी और प्री बुकिंग सेवा भी शुरु हुई थी लेकिन इसके बावजूद बुकिंग करने वालों के साथ ही बिना बुकिंग करने वाले श्रद्धालु भी महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे थे।
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