त्योहारों की रोनक में आवारा मवेशी अब खलल नहीं डाल सकेंगे। कारण नगरपालिका द्वारा मेहतवास स्थित चंबल नदी तट के समीप इनके लिए अस्थायी गोशाला का निर्माण शुरू कर दिया है।
उज्जैन•Oct 20, 2019 / 12:28 am•
Ashish Sikarwar
त्योहारों की रोनक में आवारा मवेशी अब खलल नहीं डाल सकेंगे। कारण नगरपालिका द्वारा मेहतवास स्थित चंबल नदी तट के समीप इनके लिए अस्थायी गोशाला का निर्माण शुरू कर दिया है।
नागदा. त्योहारों की रोनक में आवारा मवेशी अब खलल नहीं डाल सकेंगे। कारण नगरपालिका द्वारा मेहतवास स्थित चंबल नदी तट के समीप इनके लिए अस्थायी गोशाला का निर्माण शुरू कर दिया है। शनिवार को चयनित भूमि पर नगरपालिका कर्मचारियों द्वारा सफाई की गई। साथ ही आगामी दिनों से गोशाला निर्माण के लिए अन्य कार्य होंगे। गोवंशों की सुरक्षा व देखभाल के लिए नपा द्वारा कर्मचारी की नियुक्ति की जाएगी। उक्त प्रक्रिया पर्व के दौरान होने बाजारों में होने वाली भीड़ से रहवासियों की सुरक्षा की दृष्टि की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल लंबे समय से शहरवासियों द्वारा आवारा मवेशियों पर लगाम लगाए जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन नगर पालिका को गोशाला निर्माण के लिए उचित स्थान पर शासकीय भूमि नहीं मिल रही थी। इसी कारण निर्माण कार्य लंबे समय से अटका हुआ है। बीते दिनों सैकड़ों की संख्या में आवारा मवेशियों का जमावड़ा शहर की सड़कों पर देखने को मिला। इसे लेकर प्रशासन ने तीव्रता से कार्रवाई करते हुए अस्थायी तौर पर गोशाला निर्माण किए जाने की प्रक्रिया की।
नगरपालिका सीएमओ को मेहतवास चंबल तट के करीब खाली पड़ी भूमी पर अस्थायी तौर पर गोशाला निर्माण किए जाने के संबंध में निर्देश दिए हैं। कार्य को जल्द भीतर पूरा किया जाएगा। इससे पर्व के दौरान शहरवासियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो।
आरपी वर्मा, एसडीएम, नागदा
जामा मस्जिद रोड पहुंचेगा ताजियों का कारवां, लेंगे मुकाम
नागदा. मुस्लिम धर्मावलंबियों के तीन दिनी चेहल्लूम की शुरुआत शनिवार से हुई। रविवार को ताजिए मुकाम लेंगे। सोमवार को दिनभर मिर्ची बाजार में मजलिश होगी। उसके बाद देररात ताजिओं को मैदान-ए-कर्बला में ठंडा करने की रस्म अदा की जाएगी।
हजरत इमाम हुसैन की शहादत में मनाए जाने वाले चेहल्लूम को लेकर मुस्लिम समाजजन में खासा उत्साह है। शनिवार को ताजिओं के स्थान पर आने के साथ ही तीन दिनी पर्व शुरू हो गया। रविवार को ताजियों को कारवां अपने-अपने स्थान से उठकर रात 8 बजे जामा मस्जिद रोड पर पहुंचेगा। यहां पर मजलिस होगी। सोमवार दोपहर दिनभर ताशा पार्टी एवं बैंड बाजों की धुन पर मरसिए पढऩे का सिलसिला जारी रहेगा। इस दौरान इस मार्ग पर मेले जैसा माहौल हमेशा रहता है। देररात तक सभी ताजिए मैदान-ए-कर्बला पहुंचेंगे। यहां रस्मों के साथ ताजियों को ठंडा करने की परंपरा होगी। चालीसवें को पर्व को लेकर इस बार प्रशासन अलर्ट है। जावरा के बाद नागदा में बड़े पैमाने पर चेल्लहूम पर्व मनाया जाता है। पर्व के चलते कृषि उपज मंडी में अवकाश रखा गया।