scriptअब उठी मांग…विश्वविद्यालय में शुरू हो पकौड़ा अध्ययनशाला | Now their demand - University starts at Pakora Studies | Patrika News

अब उठी मांग…विश्वविद्यालय में शुरू हो पकौड़ा अध्ययनशाला

locationउज्जैनPublished: Feb 09, 2018 10:31:49 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

एनएसयूआई और कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे कुलपति को ज्ञापन देने, एमबीए और बीई से नहीं मिल रही नौकरी, पकौड़े बनाने का प्रशिक्षण दे

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अब इनकी मांग…विश्वविद्यालय में शुरू हो पकौड़ा अध्ययनशाला

उज्जैन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिलने पर पकोड़े का ठेला लगाने का सुझाव दिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में अपने बयान ने उक्त बात को दोहरा दिया। इसके बाद बेरोजगारी और पकौड़ा सेंटर के नाम पर विरोध तेज हो गया। कांग्रेस बेरोजगारों और प्रतिभावानों के अपमान और मजाक का आरोप सरकार पर लगाकर जगह-जगह विरोध कर रही है। इसी विरोध के तहत अब एनएसयूआई ने अजीब मांग उठा दी है। एनएसयूआई ने विक्रम विवि कुलपति को ज्ञापन सौंप कर विश्वविद्यालय में पकौड़ा और सब्जी का ठेला लगाने का प्रशिक्षण देने के लिए विशेष अध्ययनशाला शुरू करने की मांग की है। शुक्रवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ता विवि पहुंचे और हंगामेदार प्रदर्शन के साथ अपनी मांग रखी।


प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप मांग
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश महासचिव प्रितेश शर्मा एवं बबलू खिची ने बताया कि प्रधानमंत्री की मंशा अनुरूप जिन छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने बाद भी रोजगार नहीं मिला रहा है। वह लोग पकौड़े तलने का काम करते है। अब एमबीए और बीई जैसे पाठ्यक्रम से रोजगार नहीं मिल रहा है। तो विश्वविद्यालय में ऐसे पाठ्यक्रम का क्या जरूरत। अब सरकार की मंशा के अनुरूप पकौड़ा और सब्जी का ठेला लगाने का प्रशिक्षण दिया जाए। व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में इन कोर्स को शामिल किया जाए। युवाओं के भविष्य की चिंता को देखते हुए यह कुलपति से मांग की। इस अवसर पर राजेश बाथली, दीपेश जैन, अनिल मालवीय, नागेश परमार, यश जैन, लाला वर्मा, हर्ष वर्धन, शुभम योगी, शुभम बना, लक्ष्य दुबे, शिवराज चंद्रावत, नयन काले, बंटी राठौर, शुभम मालवीय आदि उपस्थित थे।

प्रदर्शन से पहले लग गई भारी पुलिस
विवि में कुलपति के ज्ञापन देने पहुंचे एनएसयूआई के विद्यार्थियों की सूचना पुलिस को पहले लग गई। इसी के चलते माधव नगर पुलिस बल मौके पर पहुंच गया, लेकिन करीब 50 कार्यकर्ता शांतिपूर्वक ढंग से अपनी मांग रखकर लौट गए। दरअसल, विवि प्रशासन पिछले कुछ समय से पूरी तरह से पुलिस के भरोसे है। कुछ भी प्रदर्शन होने से पहले पुलिस को बुला लिया जाता है। कई बार छात्रनेताओं के विवि अधिकारियों ने मिलने के लिए कैम्पस को छावनी बना दिया जाता है।

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