शहर के कुछ होटल-प्रतिष्ठान एेसे हैं, जहां प्रतिदिन करीब 100 किलो कचरा निकलता है। निगम ने एेसे 23 प्रतिष्ठान चिह्नित किए हैं। पूर्व में भी इन प्रतिष्ठानों को अपना कचरा निष्पादन करने के लिए प्रतिष्ठान में ही व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। कुछ दिन पूर्व होटल संचालकों की आपत्ति के चलते उन्हें व्यवस्था करने के लिए सात दिन का समय दिया गया था। अब निगम ने व्यवस्था लागू कर दी है। निगम उपायुक्त संजेश गुप्ता के अनुसार एेसे प्रतिष्ठानों से निगम अब कचरा नहीं लेगा। उन्हें कचरा निष्पादन के लिए अपने स्तर पर प्रोसेसिंग प्लांट लगाने, पीट बनाने या अपने स्तर पर किसी निजी कंपनी से अनुबंध कर व्यवस्था करने का कहा गया है। गुप्ता के अनुसार कई प्रतिष्ठानों यह व्यवस्था शुरू भी कर दी है। जो एेसा नहीं करेंगे, उनका कचरा नहीं लिया जाएगा और यदि वे कचरा बाहर रखते हैं तो दो हजार रुपए प्रति दिन के मान से जुर्माना वसूला जाएगा।
आमजन को पृथकीककरण की समझाइश
निगम ने आमजन व छोटे व्यापारियों को गीला और सूखा कचरा पृथक करने के बाद कचरा वाहन में देने की समझाइश भी शुरू की है। दो दिन में १०० से अधिक लोगों को इसकी समझाइश दी गई है।
टीम कर रही चालानी कार्रवाई
एक ओर नगर निगम लोगों को सूखा व गीला कचरा प्रथक कर देने की समझाइश दे रहा है वहीं एेसे दुकानदार जो मिक्स कचरा दे रहे हैं, उन पर जुर्माने की कार्रवाई भी की जा रही है। सभी जोन में स्वास्थ्य निरीक्षक सुबह से शाम तक इसके लिए भ्रमण कर रहे हैं। दुकानदार द्वारा कचरा प्रथकीकरण नहीं करने पर 250 रुपए का जुर्माना भी लगाया जा रहा है।