उज्जैन. महाकाल
मंदिर का अपना वार्षिक कैलेंडर रहेगा। इसमें तीज-त्योहार के साथ मंदिर के धार्मिक आयोजनों की जानकारी को शामिल किया जाएगा। इसका प्रारूप बन गया है। केवल प्रकाशित होना शेष है। अलग-अलग पंचागों की वजह से महाकाल मंदिर में तीज-त्योहार की देश के अन्य क्षेत्रों से भिन्नता को देखते हुए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने अपना कैलेंडर बनाने का निर्णय लिया था। महाकाल मंदिर में तीज-त्योहार और धार्मिक गतिविधियों का निर्धारण ग्वालियर स्टेट के पंचाग के आधार पर होता है। कई मर्तबा ऐसा हुआ है जब ग्वालियर स्टेट के पंचाग और देश में प्रचलित अन्य पंचागों में तिथि एक समान नहीं होने या इसमें भिन्नता होने से महाकाल में देश के अन्य हिस्सों से अलग दिन त्योहार-धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष
महाशिवरात्रि पर ऐसी स्थिति निर्मित हो गई थी। इसके बाद से मंदिर प्रबंध समिति की उपसमिति ने यह निर्णय लिया था कि महाकाल मंदिर का अपना कैलेंडर बनाया जाएगा। इस क्रम में कैलेंडर का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इसके शीघ्र अंतिम रूप देकर प्रकाशित किया जाएगा।
यह होगा इसमेंमहाकाल के वार्षिक कैलेंडर में तीज-त्योहार के साथ मंदिर के धार्मिक आयोजनों की जानकारी होगी। इसमें महाशिवरात्रि, नागपंचमी, श्रावण-भादौ, कार्तिक-अगहन,
विजयादशमी की सवारी, श्रावण महोत्सव, उमा-सांझी महोत्सव और अन्य प्रमुख त्योहारों पर होने वाले आयोजन तिथि अनुसार वर्षभर अलग-अलग समय होने वाली धार्मिक गतिविधियों को शामिल किया जाएगा।
नए अनुमति-पत्र जारी होंगेमहाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आए दिन प्रोटोकॉल के नाम पर होने वाले विवाद से निपटने के लिए मंदिर प्रबंध समिति द्वार शिर्डी की तर्ज पर प्रोटोकॉल अनुमति पत्र जारी करने की व्यवस्था एक सप्ताह पहले प्रारंभ की थी। अनुमति पत्र में कुछ कमी के कारण इसका दुरुपयोग हो रहा था। एक ही अनुमति (पर्ची) का दिनभर में कई मर्तबा उपयोग किया जा रहा था। इसे देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति ने नए अनुमति-पत्र बनाने का निर्णय लिया है। इस पर जारी करने वाले अधिकारी द्वारा समय भी दर्ज किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है।