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अब उज्जैन के मंदिरों में दिखेंगे यह बदलाव

locationउज्जैनPublished: Jan 05, 2020 12:57:39 am

Submitted by:

Mukesh Malavat

कलेक्टर ने मेला कार्यालय में पुजारियों और प्रबंधकों की बैठक ली

Now this change will be seen in the temples of Ujjain

कलेक्टर ने मेला कार्यालय में पुजारियों और प्रबंधकों की बैठक ली

उज्जैन. नया साल शुरू होते ही कलेक्टर शशांक मिश्र ने मंदिरों की व्यवस्थाओं की ओर ध्यान केंद्रित किया। शनिवार को मेला कार्यालय में पुजारियों और प्रबंधकों की बैठक बुलाई गई, जिसमें सख्त लहजे में निर्देश दिए कि मंदिरों के बाहर खुली लूट मचाने वाले दुकानदारों को समझाएं, उनके अतिक्रमण हटाएं और पूजन-खाद्य सामग्री के साथ ऑटो-मैजिक की रेट लिस्ट लगाएं। हेल्पलाइन नंबर भी जल्द तैयार करें, ताकि बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों को किसी तरह की असुविधा न हो।
कलेक्टर मिश्र ने एसडीएम एवं नगर निगम को निर्देशित किया कि शहर के सभी मंदिरों के आसपास से 15 दिनों में अतिक्रमण हटाएं। दुकानों के बाहर निकले हुए शेड एवं सड़क पर लगाई कुर्सियां भी हटाई जाएं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मंदिरों के आसपास साफ-सफाई एवं स्वच्छता होना जरूरी है।
मनमाने दाम पर बेची जा रही गुणवत्ताहीन सामग्री
बैठक में बताया कि मंदिरों के बाहर गुणवत्ताहीन सामग्री मनमाने दाम पर बेची जा रही है। दुकानदारों की ऑटो रिक्शा और मैजिक वालों से सांठगांठ रहती है। बाहरी दर्शनार्थियों को ठगा जा रहा है। सभी मंदिरों में पूजन सामग्री, खाद्य सामग्री की रेट लिस्ट लगाने, दुकानों को व्यवस्थित करने तथा शिकायत होने पर एक हेल्पलाइन नंबर तैयार कर उसको डिस्प्ले करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि सभी व्यवस्थाएं 15 दिन में हो जाना चाहिए।
आरटीओ तय करे ऑटो की रेट लिस्ट-
एक से दूसरे मंदिर तक आने-जाने का फिलहाल मनमाना रेट लिया जा रहा है, यह नहीं होना चाहिए। आरटीओ को निर्देशित किया कि शहर के विभिन्न धार्मिक स्थलों के लिए ऑटो रिक्शा, मैजिक वाहनों के एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने-जाने के रेट तय करके इनकी सूची सभी मंदिर परिसरों में डिस्प्ले करें।
निर्माल्य की उचित व्यवस्था हो
कलेक्टर ने निगमायुक्त को निर्देशित किया कि जिस तरह की व्यवस्था महाकाल मंदिर में अभी चल रही है, उसी तरह विभिन्न प्रमुख मंदिरों जिनमें मंगलनाथ, सिद्धवट, कालभैरव आदि शामिल हैं, पर निर्माल्य का उपयोग कर उससे खाद एवं अन्य उपयोगी सामग्री बनाने का सेटअप तैयार किया जाए। इससे निर्माल्य का उपयोग होगा और स्वच्छता बढ़ेगी। साथ ही शनि, रवि, मंगल, बुध आदि दिवसों में अलग-अलग मंदिरों में जहां भीड़ अधिक होती है, वहां महिला आरक्षक अथवा होमगार्ड की ड्यूटी लगाएं।
तीर्थ स्थानों के दिशा-सूचक बोर्ड लगाएं
बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों को यह पता ही नहीं रहता कि किधर जाना है। स्थानीय वाहन चालकों द्वारा सभी दर्शनीय स्थलों का भ्रमण नहीं करवाया जाता है, इसलिए शहर के प्रमुख स्थानों पर सभी दर्शनीय स्थलों के दिशा-सूचक बोर्ड लगाएं। विभिन्न स्थानों पर तीर्थ स्थलों की सूचना प्रदर्शित की जाए। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर एलईडी डिस्प्ले के माध्यम से इस तरह की सूचनाएं जारी करने को कहा है। साथ ही भिखारियों पर नियंत्रण करने की बात भी कही गई।
ये रहे मौजूद
बैठक में अपर कलेक्टर क्षितिज सिंघल, निगमायुक्त ऋषि गर्ग, अपर कलेक्टर बिदिशा मुखर्जी, जीएस डाबर, एडीएम आरपी तिवारी, पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती एवं मंदिर प्रबंध समितियों के पुजारी व प्रबंधक मौजूद थे।

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