दिल के दौरे का कारण
शहर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय गर्ग के अनुसार दिल का दौरा तब पड़ता है, जब रक्त का थक्का पूरी तरह से हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोरोनरी धमनी में बाधा डालता है और हृदय की मांसपेशी मर जाती है। दिल के दौरे का कारण बनने वाला रक्त का थक्का आमतौर पर एथेरोस्क्लोरोटिक के टूटने की साइट पर बनता है, कोरोनरी धमनी की भीतरी दीवार पर कोलेस्ट्रॉल बनने लगता है, तो हृदयाघात होता है।
तीन चीजों पर रखें नियंत्रण
डॉ. गर्ग ने बताया कि हम अपने रक्त में शुगर, चर्बी और ब्लड प्रेशर का नियंत्रण रखें। यदि इन तीन चीजों पर नियंत्रण कर लिया, तो युवाओं में तेजी से फैलने वाली इस बीमारी को बॉय-बॉय कर सकते हैं, साथ ही हमें तंबाखू व अन्य नशे का बहिष्कार करना होगा।
इन बातों का रखें ध्यान
प्रतिदिन हल्का-फुल्का व्यायाम अवश्य करें, प्रदूषण और गरिष्ठ खाने से बचें, टहलते समय हवा के विपरीत न चलें, बाइक सवार मुंह पर कपड़ा बांधें, रात 2 से सुबह 10 बजे तक दिल के मरीज एकदम न उठें और बाहर न निकलें।
डॉ. गर्ग ने मुंबई में की अध्यक्षता
डॉ. विजय गर्ग ने 19 और 20 जनवरी को मुंबई में आयोजित 19वें अंतरराष्ट्रीय डायबिटिक सम्मेलन में अध्यक्षता कर शहर का गौरव बढ़ाया। सम्मेलन में प्रथम दिन अतिथि के रूप में शामिल कनाड़ा के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सलीम यूसुफ जो कि दुनिया के 10 विशेषज्ञों में शामिल हैं, ने कहा कि हाल ही में 50 देशों में हुई प्योर स्टडी के अनुसंधान में यही निष्कर्ष निकला कि प्रदूषण से दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं। सम्मेलन के दूसरे दिन दुनिया के 45 से ज्यादा दिल की बीमारियों पर किताब लिखने वाले एवं 2 हजार से ज्यादा शोध करने वाले विश्व प्रसिद्ध अमेरिका के डॉ. वैलेंटाइन फुस्टर ने कहा कि दिल की बीमारियों के बारे में जानने के लिए कार्डिक (एमआरआई) का महत्व बढ़ता जा रहा है। बीमारी से बचने का एक ही उपाय है, प्रतिदिन कसरत करें, हरी सब्जियां खाएं, ताजे फलों का सेवन करें व जीवन में तनाव व प्रतिस्पर्धा कम करें।