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पति ने सोशल मीडिया पर अपलोड किए पत्नी के आपत्तिजनक फोटो

locationउज्जैनPublished: Sep 29, 2018 09:04:27 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

रिश्तेदारों को भेजी फ्रेंड रिक्वेस्ट, शादी के कुछ समय बाद से ही पति-पत्नी में उपजा विवाद, साइबर पुलिस ने किया गिरफ्तार

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उज्जैन. पति-पत्नी के बीच उपजा विवाद सोशल मीडिया पर कैसा रूप ले सकता है इसकी बानगी उज्जैन में देखने को मिली। पत्नी द्वारा दर्ज कराए दहेज प्रताडऩा के प्रकरण से तंग युवक ने अपनी पत्नी के नाम फर्जी फेसबुक आइडी बनाई और शादी के समय के आपत्तिजनक फोटो अपलोड कर दिए। साथ ही अनर्गल बातें लिखते हुए रिश्तेदारों को इस आइडी से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। विवाहिता की शिकायत पर साइबर पुलिस ने प्रकरण कायम कर युवक को गिरफ्तार कर उससे मोबाइल, सिम कार्ड आदि जब्त किए।

मक्सी रोड स्थित श्रीनगर निवासी मोहित पिता रतनलाल जाटवा का विवाह उज्जैन की ही बबीता (परिवर्तित नाम) से हुआ था। कुछ समय में ही दोनों के बीच पारिवारिक विवाद हुआ और बबीता ने मोहित पर दहेज प्रताडऩा का केस दर्ज करा दिया। इसी से तंग युवक ने गत दिनों पत्नी को बदनाम करने के लिए फर्जी आइडी बनाई और फेसबुक पर उसके आपत्तिजनक फोटो डाल दिए। पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ला को विवाहिता ने इसकी शिकायत दी। जिस पर प्रधान आरक्षक हरेंद्रपाल सिंह राठौर ने जांच कर आइटी एक्ट धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर युवक को गिरफ्तार किया।

बीकॉम का छात्र, मोबाइल में कई फोटो
आरोपित मोहित निजी महाविद्यालय ने बीकॉम की पढ़ाई भी कर रहा है। साइबर पुलिस को उसके मोबाइल फोन से बनी आइडी के तकनीकी साक्ष्य व उसकी पत्नी के आपत्तिजनक फोटो, वीडियो भी मिले हैं। कार्रवाई में निरीक्षक राशिद अहमद, राजकुमार राठौर, कमलाकर उपाध्याय, सुनील पंवार, गजेंद्र सिंह, तृप्ति लोधी, करिश्मा जाधव की भी भूमिका रही।

कम्प्यूटर सेंटर संचालक की तीन साल की सजा बरकरार
उज्जैन. साल 2004 में पटवारी भर्ती परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को फर्जी पीजीडीसीए उत्तीर्ण के प्रमाण पत्र देने के मामले में विशेष न्यायालय ने निचली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कम्प्यूटर सेंटर संचालक की सजा बरकरार रखते हुए जेल भेज दिया। प्रकरण में आवेदकों सहित 50 लोगों को दोष मुक्त कर दिया गया। इनमें कुछ कोचिंग सेंटर संचालक भी शामिल हैं।
इंदौर गेट स्थित बिग बाइट कम्प्यूटर सेंटर के संचालक सुरेंद्र जैन पर चल रहे प्रकरण में न्यायाधीश गजेंद्र सिंह की कोर्ट ने निचली अदालत से तीन साल की सजा दिए जाने के फैसले को यथावत रखते हुए अन्य आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया। पटवारी भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदकों को सेंटर संचालक ने रुपए लेकर पीजीडीसीए के फर्जी प्रमाण पत्र दे दिए थे। मामले में शिकायत होने पर जांच हुई तो पता चला कि इन्होंने परीक्षा ही नहीं दी, पटवारी भर्ती के लिए प्रमाण पत्र ले लिए। मामले में 2012 में कोर्ट से फैसला हुआ था, जिसमें संचालक जैन को तीन साल की सजा सुनाई गई थी।

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