रविवार को अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। महाकाल मंदिर में सोमवार 13 जून से एक सप्ताह के लिए गैर पंजीयन धारी श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश दिया जाएगा। फिलहाल ये व्यवस्था प्रायोगिक रूप में प्रारंभ की जा रही है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो इसे आगे अमल में लाया जाएगा। मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया हाल ही में हुई मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में सदस्यों के समक्ष इस विषय को प्रस्तुत किया गया था कि आने वाले कई श्रद्धालुओं को भस्म आरती की अनुमति नहीं मिल पाती, इससे वे बाबा की एक झलक पाने से वंचित रह जाते हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने इसे प्रायोगिक तौर पर प्रारंभ कर शीघ्र समग्र विचार के बाद आगे की रूपरेखा तय किए जाने के निर्देश दिए।
दिव्यांग माता-पिता को दर्शन के लिए लाना चाहती हूं
एक बेटी मंदिर प्रशासनिक कार्यालय में घंटों से बैठी हुई इस इंतजार में थी कि मुझे प्रशासक सर से मिलना है, प्रशासक मीटिंग में व्यस्त रहे, मिल नहीं पाए। आखिर हार कर वापस जाने से पहले एक बार और प्रयत्न किया। मंदिर कर्मचारी अशोक लांडगे ने उन्हें कहा सुबह से चलित भस्म आरती व्यवस्था शुरू हो रही है, आप अपने माता-पिता को ले आना, कोई शुल्क भी नहीं लगेगा। वहीं पर व्हील चेयर की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी। यह सुनकर बेटी की आंखें छलछला आईं और शुक्रिया करते हुए लौट गई।
सुबह 5 बजे शुरू होगी दर्शन व्यवस्था
अनुमति प्राप्त दर्शनार्थियों के प्रवेश के बाद सुबह 5 बजे से आरती दर्शन के इच्छुक श्रद्धालु प्रशासनिक कार्यालय के समीप फेसेलिटी सेंटर से प्रवेश कर कर्तिकेय मंडपम से भगवानश्री के दर्शन करते हुए निर्गम की और प्रस्थान कर मंदिर से बाहर जाएंगे। कहीं भी रुकने की अनुमति नहीं होगी। यह व्यवस्था अनुमति प्राप्त श्रद्धालुओं से अलग होकर दर्शनार्थी निर्विघ्न दर्शन कर शीघ्र बाहर जा सकेंगे।