उज्जैनPublished: May 19, 2023 12:49:46 pm
जितेंद्र सिंह चौहान
विलुप्त हो चुकी शिप्रा की सहायक नदी चंद्रभागा को ग्रामीणों ने अथक मेहनत कर दोबारा से किया जीवित
विलुप्त हो चुकी चंद्रभागा नदी में फिर से जल प्रवाहित हुआ
जितेंद्रसिंह चौहान
उज्जैन। गर्मी के दिनों में जहां नदियों में पानी कम हो जाता है या सूख जाता है। वहीं विलुप्त हो चुकी चंद्रभागा नदी में फिर से जल प्रवाहित हुआ है। नदी में घुटनों तक पानी एकत्र हो गया है। नदी में यह पानी धरमबड़ला से सदावल की ओर तीन-चार जगह पानी निकला है। ऐसे में उम्मीद बनी है कि अगले सालों में नदी में स्टॉप डैम व गहरीकरण पूरे होने से नदी पुन: प्रवाहमान हो सकेगी।
आश्चर्य..२० फीट गहराई में ही पानी
चंद्रभागा नदी में निकला पानी इसके जीवित नदी होने का प्रमाण बता रहा है। आश्चर्य है कि यहां २० फीट गहरी खुदाई में ही नदी में पानी निकल गया। जबकि आसपास के बोरिंगों में १०० फीट खुदाई पर पानी निकलता है। खुदाई के दौरान नदी में मिट्टी की परत हटाई तो चूना, रेत निकली है। जो बता रहे हैं कि प्राचीन समय में नदी प्रवाहमान थी और रेत थी।
१० किमी लंबी नदी में ५ किमी खुदाई
चंद्रभाग नदी करीब १० किमी लंबी है। यह धरमबड़ला से मुरलीपुरा और सदावल होती हुई सोमवती कुंड के यहां मिलती है। चंद्रभागा नदी के पुर्नद्धार के लिए शिप्रा नदी संरक्षण अभियान के तहत पिछले दो वर्ष से गहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। पिछले वर्ष ५ किमी तक काम किया जा चुका था। इस वर्ष ५ किमी आगे गहरीकरण किया जा रहा है।
इनका कहना
चंद्रभाग नदी गहरीकरण में महज २० फीट में ही पानी निकल आया है। नदी में कुछ जगह घुटनों तक पानी जमा है। अगले रविवार को श्रमदान के दौरान गांववालों के साथ नदी पूजा-अर्चना कर चुनरी औढ़ाई जाएगी।
– सोनू गेहलोत, सदस्य, शिप्रा नदी संरक्षण अभियान