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ऑपरेशन क्लीन: धोखे के धंधे में कई परिवार हलाल, अब पड़ी पुलिस की नजर

locationउज्जैनPublished: Mar 03, 2020 06:36:10 pm

Submitted by:

anil mukati

चिटफंड कंपनियां तीन वर्ष में 90 करोड़ लेकर फरार, योजनाओं के लुभावने ऑफर देकर राशि निवेश करवाई और रातों-रात कार्यालय में ताला लगाकर हुए गायब

उज्जैन. चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी से शहर के कई परिवार उजड़ गए हैं। पिछले सालों में कई कंपनियों ने लोगों को लुभावने ऑफर देकर रुपए निवेश करवाए और रातों-रात फरार भी हो गई। बीते तीन सालों में शहर में करीब ११ चिटफंड कंपनियों के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है। यह कंपनियां लोगों के करीब 90 करोड़ रुपए से अधिक लेकर फरार हो गई है। बड़ी बात यह कि इन कंपनियों के कर्ताधर्ता अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। वहीं लोगों के डूबे रुपए भी अब तक नहीं मिल पाए हैं।
ऐसे करते हैं धोखाधड़ी
– कंपनी में राशि जमा कर कुछ वर्ष में दोगुना होने का ऑफर देते हैं।
– कंपनियां अलग-अलग ऑफर देती थी, जिसमें राशि जमा करने पर कार, बाइक और कई उपहार देने की बात होती थी।
– कुछ कंपनियों ने लोगों से राशि जमा करने पर कुछ माह बाद ही डेढ़ा कर लौटा देती थी। इससे अन्य लोग लालच में आते और रुपए जमा करवाते थे।
– किसानों को सस्ते खाद व दवा देने के नाम पर राशि जमा करवाई। कुछ किसानों को योजना का फायदा दिया। बाद में रुपए लेकर फरार हो गए।
– कंपनियां खुद को बैंक बताती और उनके द्वारा कई शहरों में व्यावसायिक भूखंड, वींड पॉवर में इनवेस्टमेंट बताकर लोगों से रुपए जमा करवाती थी।
धीमी जांच, न आरोपी गिरफ्त में न राशि मिली
चिटफंड कंपनी की आड़ में लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी हुई। पुलिस ने रिपोर्ट भी दर्ज की है। लेकिन मामले में जांच की रफ्तार धीमी है। कुछ मामलों में तो आरोपी डेढ़ से दो साल से फरार लेकिन इनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। स्थिति यह है कि लोगों के डूबे हुए रुपए मिलेंगे या नहीं, इसकी स्थिति भी साफ नहीं है।
चार मामले, जिनमें चिटफंड कंपनी करोड़ों लेकर भागी
तीन साल में दोगुना लाभ, 24 करोड़ ठगे
ग्लोरिया प्रॉपर्टी इंडिया लिमिटेड ने उज्जैन में लोगों को तीन साल में दोगुने रुपए वापस लौटाने का भरोसा दिलाया। सैकड़ों लोग झांसे में आकर कंपनी में लाखों रुपए निवेश कर बैठे। 29 दिसंबर 2018 को कंपनी बंद हो गई और 24 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर कर्ताधर्ता फरार हो गए। ईओडब्ल्यू उज्जैन ने केस दर्ज किया, जिसमें धार का धर्मेंद्र सिंह समेत 10 आरोपी हैं।
कार-बाइक देकर झांसे में लिया, 12 करोड़ ठगे
नानाखेड़ा पुलिस ने सी-21 मॉल से संचालित होने वाली लाइफ टाइम स्टॉक मार्केटिंग कंपनी के मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। कंपनी ने किसान और कॉलेज के छात्रों को उपहार में कार, बाइक व सोने की चेन देकर प्रलोभन में लिया और उनसे लाखों रुपए हड़प लिए। दस से बारह करोड़ की धोखाधड़ी कर कंपनी के लोग फरार हो गए थे।
बैंक से पहले दोगुना, 2 करोड़ ठगे
शहीद पार्क के पास स्थित सिद्धिविनायक कॉम्प्लेक्स में इंश्योंरेंस कंपनी (चिटफंड) का ऑफिस खोलकर पांच लोग 100 से ज्यादा लोगों से डेढ़ से दो करोड़ से अधिक ले भागे। यह रुपए धोखेबाजों ने 6 साल में दोगुना करने के नाम पर गांव के किसानों से जमा कराए थे। आरोपी रघुवीरसिंह सिसौदिया, कुशालसिंह, चतुर्भुज पाटीदार, रामचंद्र धाकड़, सुनील लोहार सभी निवासी आलोट हैं। माधवनगर थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी फरार हैं।
12 लोगों ने तीन कंपनी बनाई ,दो करोड़ लेकर भागे
रिलायबल मेगा प्रोजेक्ट व रिलायबल मेगा इन्फ्रा लिमिटेड व रिलायबल लैंड ऑनर एंड डेवलपर्स नाम से मक्सी के देवेंद्र कुमार समेत 12 लोगों ने तीन चिटफंड कंपनियां बनाई। झांसे में लेकर किसानों को कहा कंपनी से जुड़ो तीन साल में रुपए दोगुने हो जाएंगे। इसके लिए किसानों को कुछ लोगों से मिलाया। 29 दिसंबर 2018 को कंपनी सैकड़ों ग्रामीणों से 1 करोड़ 69 लाख 40 हजार रुपए लेकर भाग गई।
इनका कहना
चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई के लिए थानों से जानकारी मंगवाई गई है। किस प्रकरण में क्या स्थिति है इसकी समीक्षा कर कार्रवाई की जाएगी।
सचिन अतुलकर, एसपी

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