छठे दिन संयम धर्म
समाज के सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया पर्युषण पर्व के छठे दिन संयम धर्म पर शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में विदक्षा माता एवं महावीर तपोभूमि में मीना और साधना दीदी ने संयम धर्म पर कहा कि संसार में संयम धर्म दुर्लभ है, जो प्राप्त कर उसे छोड़ देता है वह जरा और मरण के समूह से व्याप्त इस संसाररूपी वन में परिभ्रमण करता रहता है, पुन: वह सुगति को कैसे प्राप्त कर सकता है पांचों इंद्रियों के दमन करने से संयम होता है, कषायों का निग्रह करने से संयम होता है, दुर्ध, तप के धारण करने से संयम होता है और रस परित्याग के विचार भावों से संयम होता है। उपवासों के बनाने से संयम होता है, मन के प्रसार को रोकने से संयम होता है
जिन मंदिरों में आर्कषक मण्डल विधान की रचना की जाएगी
धूपदशमी के अवसर पर आज सभी जिन मंदिरों में आर्कषक मण्डल विधान की रचना की जाएगी। महापर्व को लेकर मंदिरों की साज-सज्जा की गई है। आज संपूर्ण समाज नगर के समस्त जिन मंदिरों की वंदना कर कर्मों की निर्जरा के लिए धूप खोएंगे। नेमिनाथ मंदिर जयसिंहपुरा के बाद चन्द्रप्रभु जिनालय नमक मण्डी ट्रस्ट अध्यक्ष प्रकाश कासलीवाल एवं सचिव अनिल गंगवाल ने बताया कि मंदिर परिसर में सात खंबे व दो दिवारे हटाकर नव निर्मित भव्य हॉल के साथ ही सम्पूर्ण फ ट ऐलिवेशन मार्बल कार्य से व कोलीवाडा के नक्काशीदार दरवाजों से तैयार किया गया है, जो अपने आप में बहुत आकर्षक व भव्य स्वरूप में नजर आ रहा है। 23 सितंबर अनंत चतुर्दशी के अवसर पर नमकमण्डी जिनालय से एवं 26 सितंबर को जयसिंहपुरा दिगम्बर जैन मंदिरजी से दोपहर 2 बजे श्रीजी का विशाल चल समारोह निकाला जाएगा तथा अभिषेक सम्पन्न होंगे। 26 सितंबर को ही सम्पूर्ण समाज की सामूहिक क्षमावाणी का पर्व भी मनाया जावेगा। इसी दिन कार्यक्रम का समापन व आभार प्रदर्शन भी होगा। धूपदशमी के अवसर पर जयसिंहपुरा स्थित पुरातत्व महत्व की अति प्राचीन एवं दुर्लभतम प्रतिमाओं के संग्रहालय को भी दर्शनार्थ खोला जाएगा।
10 लक्षण आराधना में लीन रहेगा समाज
आत्मशुद्धि एवं धार्मिक आराधना के महापर्व पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के पावन अवसर पर समग्र जैन समाज 10 लक्षण धर्म क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, सोच, संयम, तप, त्याग, आकिंचन, ब्रह्मचर्य की आराधना में लीन हैं। इस अवसर पर मंदिरों में सामूहिक पूजन, स्वाध्याय, प्रवचन तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।