ये हैं पांच कल्याणक
- गर्भ कल्याणक - जब तीर्थंकर प्रभु की आत्मा माता के गर्भ में आती है।
- जन्म कल्याणक - जब तीर्थंकर बालक का जन्म होता है।
- दीक्षा कल्याणक - जब तीर्थंकर सब कुछ त्यागकर वन में जाकर मुनि दीक्षा ग्रहण करते हैं।
- केवल ज्ञान कल्याणक - जब तीर्थंकर को कैवल्य की प्राप्ति होती है।
- मोक्ष कल्याणक - जब भगवान शरीर का त्यागकर अर्थात सभी कर्म नष्ट करके निर्वाण/मोक्ष को प्राप्त करते हंै।
महामहोत्सव में आज बारात यात्रा
महामहोत्सव के तहत शुक्रवार को विवाह, बारात यात्रा शाम 7 बजे चक्रवर्ती युवराज शांति सागर की ऐतिहासिक एवं भव्य बारात शांतिनाथ मंदिर लक्ष्मी नगर से प्रारंभ होकर शहीद पार्क, टॉवर, ग्रान्ड होटल होते हुए शांतिनाथ मंदिर बोर्डिगं तक जाएगी।