इन्हें दी यह जिम्मेदारी
जिला पंचायत- उज्जैन जनपद और घट्टिया जनपद अपने क्षेत्र के पड़ाव स्थलों पर १५-१५ हजार वर्ग फीट के टेंट लगाकर छाया की व्यवस्था करेंगे। यह टेंट पिंगलेश्वर पर ६ दिन और अन्य पड़ाव स्थल पर तीन-तीन दिन तक के लिए रहेंगे।
पीडब्ल्यूडी- पड़ाव स्थल पर जमीन समतलीकरण, बैरिकेडिंग, पुल-पुलियाओं पर रैलिंग, मुरम डालने सहित अन्य कार्य करेंगे।
पीएचई- प्रत्येक ५०० मीटर पर पेयजल की व्यवस्था, अस्थायी टंकी व नल लगाने, पड़ाव स्थल पर फव्वारे व जल निकासी के इंतजाम करेगा।
विद्युत विभाग- मार्ग पर लाइटिंग की व्यवस्था, पड़ाव स्थल पर फीडर व जनरेटर की व्यवस्था तथा अस्थायी कनेक्शन देने का काम करेंगे।
नगर निगम- त्रिवेणी धाम शनि मंदिर की तमाम व्यवस्था नगर निगम की ओर से की जाएगी। यूडीए रास्ते में आने वाले मंदिरों के संधारण का काम करेगा। दुग्ध संघ ठंडा पानी व दुग्ध पदार्थ उपलब्ध करवाएगा।
खाद्य विभाग- खाद्य विभाग प्रत्येक पड़ाव स्थल पर उचित मूल्य की दुकान लगाएगा। विभाग की टीम अमानक खाद्य पदार्थ बिकने से भी रोकेगी।
स्वास्थ्य विभाग- प्रत्येक पड़ाव व उपपड़ाव स्थल पर १० बिस्तरों वाला अस्थायी चिकित्सालय बनाएगा।
क्यों करते हैं पंचक्रोशी यात्रा
हर वर्ष लाखों आस्थावान उज्जैन के आसपास पांच दिनों तक पंचक्रोशी यात्रा के लिए आते हैं। इस यात्रा के दौरान उज्जैन शहर व आसपास बने 84 महादेव मंदिरों के दर्शन किए जाते हैं। इस यात्रा का विशेष महत्व माना गया है। पुराणों में भी इसका उल्लेख मिलता है। पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर से बल लेकर यात्रा आरंभ की जाती है, पांच दिनी यात्रा के पश्चात पुन: बल लौटाने सभी यात्री मंदिर पहुंचते हैं। इसके बाद वे अपने गंतव्य की ओर रवाना होते हैं।