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पंचक्रोशी यात्रा अभी शुरू भी नहीं हुई और गड़बड़ी शुरू हो गई

locationउज्जैनPublished: Apr 09, 2019 01:02:45 am

Submitted by:

rajesh jarwal

पिंगलेश्वर पड़ाव पर ही 20 हजार तो अन्य चार पड़ाव पर 10 से 15 हजार वर्ग फीट के लगने हैं टेंट, बड़ी संख्या में हेलोजन व अन्य लाइट भी लगना

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पिंगलेश्वर पड़ाव पर ही 20 हजार तो अन्य चार पड़ाव पर 10 से 15 हजार वर्ग फीट के लगने हैं टेंट, बड़ी संख्या में हेलोजन व अन्य लाइट भी लगना

उज्जैन.

वर्ष में एक बार निकलने वाली ११८ किमी की पंचक्रोशी यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए जुटाई जाने वाली सुविधाओं में अफसरों द्वारा नियमों के विपरित काम किए जाने का मामला सामने आया है। यात्रा के पड़ाव स्थलों पर श्रद्धालुओं के लिए टेंट-कनात व लाइटिंग लगाने के काम में अधिकारियों ने टेंडर निकाले बगैर ही काम सौंप दिए हैं। जबकि हर पड़ाव स्थलों में १० से लेकर २० हजार वर्ग फीट तक टेंट व आवश्यकतानुसार लाइटिंग लगाई जाना है। स्थिति यह है कि बगैर टेंडर किए जाने वाले इस काम में अफसर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी ढोल रहे हैं तो आचार संहिता का हवाला देकर टेंडर प्रक्रिया नहीं होने की बात कह रहे हैं।
पंचक्रोशी यात्रा २९ अप्रैल से शुरू होना है। इसकी तैयारियों की मुख्य जिम्मेदारी जिला पंचायत के पास है। जिला पंचायत ही ११८ किमी यात्रा के पांचों पड़ाव स्थल पर यात्रियों के लिए टेंट, बिजली व पानी जैसी अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाता है। हर वर्ष होने वाली पंचक्रोशी यात्रा में पड़ाव स्थल पर यात्रियों के ठहरने के लिए टेंट , बिजली कार्य के लिए बकायदा टेंडर जारी होता है। सबसे कम दरों के आधार ठेकेदारों का यह काम सौंपा जाता है। इस बार पंचक्रोशी यात्रा में टेंट व लाइटिंग के टेंडर निकाले बिना ही काम सौंप दिए गए है। जबकि पिंग्लेश्वर पड़ाव स्थल पर ही यात्रियों के लिए करीब २० हजार वर्ग फीट के टेंट व कनात लगाए जाने हैं। इन टेंटों में लाइटिंग के साथ पंखे व कूलर की व्यवस्था भी होती है। ऐसी ही सुविधाएं करोहन, नलवा उप पड़ाव, अंबोदिया, कालियादेह महल व उंडासा पड़ाव स्थल पर की जाती है। यहां हर पड़ाव स्थल १० से १५ हजार वर्ग फीट टेंट के साथ लाइटिंग के लिए हेलोजन व अन्य संसाधन लगाए जाते हैं। इतने बड़े पैमाने पर व्यवस्था के लिए टेंडर ही नहीं निकाले। जिला पंचायत की ओर से यह काम पूर्व के रेट के आधार पर ही दे दिए गए हैं। सवाल उठ रहे हैं अप्रैल में पंचक्रोशी यात्रा है तो अधिकारियों ने आचार संहिता के पहले टेंडर की प्रक्रिया क्यों नहीं की।
हमारा भुगतान बाकी, नहीं करेंगे व्यवस्था
पड़ाव स्थल पर टेंट व लाइटिंग का टेंडर नहीं हो पाने पर जिला पंचायत ने पंचक्रोशी मार्ग पर आने वाले पंचायतों को इस काम की जिम्मेदारी सौंपने की बात कही जा रही है। इधर पंचायतों के सरपंच बता रहे हैं उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं है। सरपंचों की आेर से पुराना बकाया के चलते टेंट व लाइटिंग कार्य नहीं किए जाने की बात भी कह रहे हैं। सरपंचों का कहना है कि उन्हें वर्ष २०१७ से ही पंचक्रोशी यात्रा का भुगतान नहीं किया गया।
सरपंचों ने बकाया के लिए किया था प्रदर्शन
सिंहस्थ के दौरान पंचक्रोशी यात्रा में पड़ाव स्थल पर सुविधा जुटाने के लिए मार्ग की पंचायतों को जिम्मेदारी सौंप दी थी। यात्रियों की संख्या को देखते हुए अधिकारियों ने मौखिक आदेश ही दिए थे। स्थिति यह रही कि पंचायतों ने टेंट व अन्य सुविधा जुटाई लेकिन जब भुगतान की बारी आई तो अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए। वर्ष २०१७ के पंचक्रोशी यात्रा में भी यही स्थिति रही। पंचायतों के करीब २५ लाख रुपए बकाया होने की दावा किया। बाद में भुगतान के लिए सरपंचों ने जनपद के बाहर प्रदर्शन किया था। अकेले करोहन ग्राम पंचायत के ही ३.५० लाख रुपए बाकी है।
इनका कहना
मुझे पंचक्रोशी का दायत्वि दिए दो-तीन दिन ही हुए हैं। मुझे जानकारी नहीं है कि पड़ाव स्थल पर टेंट व लाइटिंग के टेंडर किए हंै या नहीं। आप मिश्रा मैडम से बात कर लें।
– बीएस मंडलोई, अतिरिक्त कार्यपालन यंत्री, जिला पंचायत
पंचक्रोशी यात्रा की तैयारी पूर्ण कर ली है। पिंग्लेश्वर पर २० हजार वर्ग फीट में तो अन्य में १० से १५ हजार वर्ग फीट में टेंट लगाए जाएंगे। आचार संहिता के चलते टेंट व लाइटिंग के टेंडर नहीं किए हैं। ग्राम पंचायत के माध्यम से काम होंगे।
कीर्ति मिश्रा, परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत
पांचों पड़ाव स्थल पर कोई तैयारी नहीं है। हमें टेंट व लाइटिंग के लिए कोई निर्देश भी नहीं दिए हैं। अगर हमें कहते हैं तो हम व्यवस्था नहीं करेंगे। हमारे वर्ष २०१७ से ही भुगतान बाकी है। अधिकारियों को पहले यह भुगतान करना चाहिए।
– अर्जुनसिंह राठौर, सरपंच, करोहन

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