पड़ाव स्थल पर टेंट व लाइटिंग का टेंडर नहीं हो पाने पर जिला पंचायत ने पंचक्रोशी मार्ग पर आने वाले पंचायतों को इस काम की जिम्मेदारी सौंपने की बात कही जा रही है। इधर पंचायतों के सरपंच बता रहे हैं उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं है। सरपंचों की आेर से पुराना बकाया के चलते टेंट व लाइटिंग कार्य नहीं किए जाने की बात भी कह रहे हैं। सरपंचों का कहना है कि उन्हें वर्ष २०१७ से ही पंचक्रोशी यात्रा का भुगतान नहीं किया गया।
सिंहस्थ के दौरान पंचक्रोशी यात्रा में पड़ाव स्थल पर सुविधा जुटाने के लिए मार्ग की पंचायतों को जिम्मेदारी सौंप दी थी। यात्रियों की संख्या को देखते हुए अधिकारियों ने मौखिक आदेश ही दिए थे। स्थिति यह रही कि पंचायतों ने टेंट व अन्य सुविधा जुटाई लेकिन जब भुगतान की बारी आई तो अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए। वर्ष २०१७ के पंचक्रोशी यात्रा में भी यही स्थिति रही। पंचायतों के करीब २५ लाख रुपए बकाया होने की दावा किया। बाद में भुगतान के लिए सरपंचों ने जनपद के बाहर प्रदर्शन किया था। अकेले करोहन ग्राम पंचायत के ही ३.५० लाख रुपए बाकी है।
मुझे पंचक्रोशी का दायत्वि दिए दो-तीन दिन ही हुए हैं। मुझे जानकारी नहीं है कि पड़ाव स्थल पर टेंट व लाइटिंग के टेंडर किए हंै या नहीं। आप मिश्रा मैडम से बात कर लें।
पंचक्रोशी यात्रा की तैयारी पूर्ण कर ली है। पिंग्लेश्वर पर २० हजार वर्ग फीट में तो अन्य में १० से १५ हजार वर्ग फीट में टेंट लगाए जाएंगे। आचार संहिता के चलते टेंट व लाइटिंग के टेंडर नहीं किए हैं। ग्राम पंचायत के माध्यम से काम होंगे।
पांचों पड़ाव स्थल पर कोई तैयारी नहीं है। हमें टेंट व लाइटिंग के लिए कोई निर्देश भी नहीं दिए हैं। अगर हमें कहते हैं तो हम व्यवस्था नहीं करेंगे। हमारे वर्ष २०१७ से ही भुगतान बाकी है। अधिकारियों को पहले यह भुगतान करना चाहिए।