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पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, कहीं लाई आफत कहीं पर मुस्कान

locationउज्जैनPublished: Aug 10, 2019 01:17:30 am

Submitted by:

rishi jaiswal

घरों में तीन फीट पानी जमा हुआ, दो दर्जन से अधिक कॉलोनियां हुईं जलमग्न, जिन क्षेत्रों में पहले कभी पानी नहीं भरा, वहां भी सड़कें पानी-पानी

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उज्जैन. कभी रिमझिम तो कभी मूसलधार बारिश ने शुक्रवार को शहर के हालात बदल दिए। सुबह जब शहर जागा तो चारों तरफ पानी ही पानी था। इस हालात का असर भी अलग-अलग रहा। उफान पर आई क्षिप्रा को देखने कहीं लोग घरों से निकले कहीं बाढ़ प्रभावितों को अस्त-व्यस्त गृहस्थी पटरी पर लाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ी। लंबे इंतजार के बाद हुई झमाझम बारिश ने लोगों के चेहरे खिलाए वहीं निचली बस्तियों में प्रभावितों के सामने निवाले का संकट खड़ा हो गया। हर साल बारिश में जलमग्न होने वाले इलाकों में तो पानी जमा हुआ ही, नालियों में निकासी नहीं होने के कारण कुछ एेसी सड़कें भी डूब गई जो पहले नहीं डूबती थी।
गुरुवार देर रात से क्षिप्रा नदी का जलस्तर बढऩा शुरू हो गया था। शुक्रवार सुबह तक क्षिप्रा ने रामघाट छोटी पुलिया लांघ दी और देखते ही देखते मंदिर-द्वार व घाट बाढ़ में डूब गए। पानी में डूबने से छोटे पुल पर आवाजाही बंद कर दी गई वहीं एेहतियातन बड़े पुल पर भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। हालांकि क्षिप्रा ने बड़े पुल को नहीं छुआ और करीब चार फीट नीचे से बही। इधर शहर में दो दार्जन से अधिक बस्तिायों में पानी भरने की समस्या आई।
सुबह उठे तो पानी घर में घुस चुका था
एक ओर बारिश के कारण लोगांें के चहरे खिले वहीं कई परिवारों के लिए मुसीबत भी बरसी। महेश नगर, नानाखेड़ा लोहार पट््टी, महेश विहार, रतन एेवेन्यू, दीप्ति परिसर, महाकाल वाणिज्यिक केंद्र, मुनिनगर, केशव नगर, वेद नगर, दौलतगंज, आनंद नगर, तिरुपति धाम, अंकपात मार्ग महाशक्ति नगर, तृप्ति विहार, शांति नगर, शास्त्री नगर, विवेकानंद कॉलोनी, एकता नगर, धन्नालाल की चाल, बसंत विहार, तोपखाना, दुर्गानगर, आदि क्षेत्रों के कई घरों में तीन फीट तक पानी जमा हो गया। सुबह जब क्षेत्रवासी उठे तब, तक सड़क से होते हुए पानी घरों में घुसना शुरू हो गया था। बाढ़ के कारण बिस्तर, सोफे, खाद्य सामग्री आदि खराब होने से कई लोगों को भारी नुकसान भी झेलना पड़ा। बारिश थमने के बाद प्रभावित लोगों ने बाल्टी-डिब्बे या मोटर पंप लगाकर घर में जमा पानी बाहर उलिचना शुरू किया। प्रभावित लोगों का आरोप था कि नाली-नाले चोक होने के कारण उन्हें यह समस्या झेलना पड़ी है। शास्त्री नगर निवासी आशा प्रजापत ने बताया, पूरे घर में घुटने तक पानी जमा हो गया था, जिसके कारण भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह वंृदावन ने बताया, कि नाले की पूरी तरह सफाई नहीं होने के कारण बारिश का पानी घरों में घुसा है।
सड़क और उद्यान भी पानी में डूबे
बस्तियों के साथ ही शहर की कई सड़कें सुबह जलमग्न रही। तीन बत्ती चौराहा, चामुण्डा चौराहा, टॉवर चौक रोड, नई सड़क, जूना सोमवारिया, धन्नालाल की चाल, गदाापुलिया आदि क्षेत्रों की मुख्य सड़कों पर दो-तीन फीट तक पानी भर जमा रहा। इससे आने-जाने वालों को खासा परेशान होना पड़ा। पानी के कारण कई लोगों के वाहन खराब हो गए और उन्हें घर, ऑफिस या दुकान तक पहुंचने के लिए मशक्कत करना पड़ी। सड़क के साथ ही रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म – १ पर नाली जाम होने से पटरी पर भी पानी जमा हो गया।
बारिश के कारण नाले की दीवार गिरी
इंदौर रोड स्थित अभिषेक नगर के नाले की दीवार पानी के दबाव के चलते गिर गई। क्षेत्रवासियों के अनुसार वैभव गार्डन के पीछे स्थित नाले की दीवार का कुछ वर्ष पूर्व निर्माण किया गया था। बारिश के दौरान सुबह दीवार का कुछ भाग ढह गया।
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