सुबह 7.30 बजे से मैदान एकत्रीकरण होगी। फिर प्रार्थना व बौद्धिक सत्र होगा। मुख्य अतिथि परमार्थ निकेतन हरिद्वार के संत चिदानंद सरस्वती व मुख्य वक्ता संघ के क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते रहेंगे। चुनावी साल होने से मार्ग में पहले से कुछ अधिक स्थानों पर संचलन का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया जाएगा। बता दें कि पिछले साल संचलन मेंं 5 हजार स्वयंसेवक शामिल हुए थे। महानगर के मान से इस संख्या को कम आंका गया। इसी कारण इस बार के संचलन में संख्या विस्तार के लिए निर्धारित 59 बस्तियों में संपर्क हुआ और नए लोगों को गणवेश देकर संचलन में आने की सहमति ली गई। इधर गुरुवार को विभिन्न स्थानों पर अभ्यास संचलन निकले।
फूल पेंट वाली नई गणवेश अनिवार्य
महानगर संघचालक श्रीपाद जोशी के अनुसार संचलन में चलने के लिए संघ ने नई गणवेश अनिवार्य रखी है। जिसमें संघ की नई फुल पेंट, सफेद कमीज, काली टोपी, संघ का पट्टा, कत्थई रंग के मोजे व काले जूते शामिल है। पुरानी हाफ पेंट वाली गणवेश पहने कोई शामिल नहीं रहेगा।
ये रहेगा संचलन मार्ग
क्षीरसागर मैदान से त्रिमूर्ति टॉकीज, चामुंडा, देवास गेट, मालीपुरा, तोपखाना, महाकाल घाटी, गुदरी, गोपाल मंदिर, सतीगेट, कंठाल होते हुए पुन: क्षीरसागर पहुंचकर समाप्त होगा। आचार संहिता के मद्देनजर पुलिस सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम रहेंगे।
सिख वाहिनी रहेगी, समाज करेंगे स्वागत
संचलन में पिछली बार की तरह सिख वाहीनी आकर्षण का केंद्र रहेगी। सिख समाज के स्वयं सेवक खुली जीप व शौर्य स्वरूप में एक साथ कदमताल करते निकलेंगे। इनके हाथों में तलवारें रहेगी। वहीं हिंदू समाज के विभिन्न घटक संचलन पर पुष्पवर्षा कर स्वागत करेंगे।