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रोजाना अस्पताल में लग रही मरीजों की कतार, जाने क्यों

locationउज्जैनPublished: Apr 25, 2018 01:24:51 am

Submitted by:

Gopal Bajpai

गर्मी आते ही जिला अस्पताल पहुंचने वाले मलेरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

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उज्जैन. गर्मी आते ही जिला अस्पताल पहुंचने वाले मलेरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। ये संख्या बीते दो महीने की तुलना में दोगुनी हो गई। बाजवूद मलेरिया विभाग का दावा है कि वे शहर में मलेरिया की रोकथाम के पूरे प्रयास कर रहे है। मलेरिया विभाग के दावे कितने ठोस हैं कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहरभर के लिए विभाग के लिए केवल ५ फॉगिंग मशीने हैं। इनमें से भी एक बंद पड़ी हुई है। जिला अस्पताल में इन दिनों रोजाना ३० से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। सर्दी देकर आए बुखार और अन्य बुखारों के मरीजों के लिए गए ब्लड सैंपल में इन मरीजों को मलेरिया की पुष्टि हो रही है। विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ.अनिल दुबे ने बताया कि कई बार मरीजों में मलेरिया की पुष्टि नहीं होती है, लेकिन उन्हें मलेरिया होता है। क्योंकि मरीज बुखार आने पर मेडिकल या अन्य डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा खा लेते हैं। ठीक नहीं होने पर अस्पताल पहुंचते हैं। जिस वजह से ब्लड सैंपल में मलेरिया डायग्नोस नहीं हो पाता, लेकिन ठंड देकर बुखार आने स्थिति में उसे मलेरिया होता है। इसके अलावा किडनी समस्या या यूरिन इंफेक्शन में ठंड देकर बुखार आने के लक्षण होते हैं, लेकिन उसकी संभावना कम होती है। वर्तमान में रोजाना ३० से ४० मरीज मलेरिया के पहुंच रहे हैं। ये संख्या गर्मियों में बढ़ जाती है। क्योंकि गर्मियों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। जनवरी-फरवरी महीने में ये संख्या २० मरीज तक सीमित थी।
६ जोन में ५ फॉगिग मशीन, एक बं
शहर में मलेरिया रोग की रोकथाम के लिए मलेरिया विभाग कितना काम कर रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ६ जोन के लिए केवल ५ फॉगिग मशीन विभाग के पास उपलब्ध है। इनमें से भी एक महीनों से बंद पड़ी हुई है। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में सालों से शहरवासियों ने इस फॉगिंग मशीनों को आते नहीं देखा है। जिला मलेरिया अधिकारी अविनाश शर्मा ने बताया कि फॉगिग मशीन का ठीक करवाया जाएगा। कुछ क्षेत्रों में फॉगिंग मशीन नहीं पहुंचने की सूचना मिली थी। वहां मशीन पहुंचाई जाएगी।
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रैली निकाल करेंगे मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक
उज्जैन. विश्व मलेरिया दिवस बुधवार को मनाया जाएगा। राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण रणनीतियों का क्रियान्वयन करने तथा लोगों में मलेरिया के प्रति जागरुकता उत्पन्न करने के लिए सम्पूर्ण जिले में मलेरिया से रोकथाम के उपाय के लिए जनजागरण किया जाएगा।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शशि गुप्ता ने बताया मलेरिया एक संचारी रोग है। यह मादा एनाफि लिज मच्छर के काटने से होता है। मच्छर रुके हुए साफ पानी या धीरे-धीरे बहते हुए पानी में ही पैदा होते हैं। मलेरिया बुखार में व्यक्ति को सर्दी व कंपन के साथ बुखार आता है, सिरदर्द रहता है, थकावट एवं कमजोरी आती है।

बचने के उपाय
विभिन्न उपायों से मलेरिया से बचा जा सकता है। आमजन अपने घरों के आसपास नालियों एवं गंदे पानी को एकत्रित न होने दें।
रुके हुए पानी में सप्ताह में एक बार मिट्टी का तेल अथवा दोपहिये वाहन का जला हुआ तेल अवश्य डालें। ऐसा करने से मच्छरों की उत्पत्ति रुकती है।
घरों में अन्दर ज्यादा दिनों तक स्टोर किये गये पानी में मीठा तेल डालकर उपयोग में लाना चाहिए।
पानी की टंकी, नांद, कूलर, ड्रम का पानी व अन्य एकत्रित पानी सप्ताह में एक बार अवश्य खाली किया जाए।
पानी को ढंककर रखने से भी मलेरिया के लार्वा नहीं पनपते हैं। खिड़की दरवाजों में बारीक जालियां लगवाएं, जिससे मच्छर घर में अन्दर प्रवेश न कर सकें।
शाम के समय घरों में नीम की पत्तियों का धुंआ करने, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने व शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने से मलेरिया से बचा जा सकता है।
ज्यादा मच्छर होने पर नारियल व सरसों के तेल में नीम का तेल मिलाकर शरीर के खुले हिस्सों में लेप करने से मच्छर नहीं काटते।

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