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पत्रिका इंडेप्थ स्टोरी: महाकाल नगरी का ये हाल, हर दिन हादसे

locationउज्जैनPublished: Nov 15, 2019 12:40:47 am

Submitted by:

anil mukati

शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई, बड़े तो ठीक दो पहिया वाहन चालक और पैदल चलने वाले तक हो रहे दुर्घटना के शिकार

पत्रिका इंडेप्थ स्टोरी: महाकाल नगरी का ये हाल, हर दिन हादसे

शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई, बड़े तो ठीक दो पहिया वाहन चालक और पैदल चलने वाले तक हो रहे दुर्घटना के शिकार

उज्जैन. बाबा महाकाल की नगरी की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। हर रोड खतरनाक हो गए हैं तो जहां-तहां सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। स्थिति यह है कि शहर रोजाना दो से तीन हादसे हो रहे है, जिनमें घायल होकर लोग अस्पताल पहुंच रहे है। स्थिति यह है कि बड़े वाहन तो ठीक कार, मोटरसाइकिल और पैदल चलने वालों तक हादसे के शिकार हो रहे हैं। इनमें से कई दुर्घटनाएं तो ऐसी है जिसमें दोनों पक्ष समझौता कर पुलिस थाने तक पहुंचते ही नहीं है। वहीं हादसों के पीछे यातायात व्यवस्था ठीक नहीं होने, चौराहे या मोड पर सुरक्षा के साधन नहीं होना है। वहीं वहनों की तेज रफ्तार भी दुर्घटना का कारण बन रही है। लिहाज आए दिन सड़क हादसों में घायल लोग इलाज के बाद दम तोड़ रहे हंै।
प्रमुख चौराहे तक ही सिमटी यातायात पुलिस
शहर में तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ी है। इस मान से सड़कों पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं हो रहे है। इससे दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। वहीं यातायात पुलिस सिर्फ शहर के प्रमुख चौराहों तक या वीआइपी रास्तों की सुरक्षा तक ही सीमित है। अपर्याप्त पुलिस तैनात नहीं होने से तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। यही कारण है कि कार हो या बाइक तेज गति से चलने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही है। खासकर शहर के बाहर इंदौर, देवास या आगर रोड से जुड़ी कॉलोनियों की रास्तें में भी हादसे हो रहे हैं।
लेफ्ट टने व अंधे मोड़ नहीं हो रहे ठीक, स्ट्रीट लाइट भी बंद
शहर में सड़क हादसों के पीछे अंधे मोड व संकरी सड़के होना भी बड़ी वजह सामने आई है। इंदौर रोड से जुड़ी कॉलोनियों के रास्ते में कई जंगह अंधे मोड़ है। वहीं पुराने शहर सहित आगर रोड की कॉलोनियों में संकरी सड़कें मुसिबत बनी हुई है। महामृत्युंजय गेट का तिराहा भी इसमें से एक है। इसके अलावा शहर में नानाखेड़ा बस स्टैंड चौराह, चामुंडा माता चौराहा व एमआर रोड पर भी लेफ्ट टर्न खराब है। यहां दूसरी ओर दिखाई नहीं देता है। इसके कारण हादसे हो रहे हैं। वहीं रात के समय कई कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइट बंद होती है। इससे पैदल चलने वाले राहगीर भी वाहनों की चपेट में आ रहे हैं।
पिछले एक सप्ताह में हुए प्रमुख हादसे
– १२ नवंबर की दोपहर को सीएचएल अस्पताल के सामने आराधना परिसर निवासी अनिल (५६)कुमार पिता सुदर्सन पाण्डे को कार क्रमांक एमपी 09 टीए 8359 के चालक ने टक्कर मार दी। इससे उन्हें चोंट आई।
– ११ नवंबर को उन्हेल रोड़ ग्राम गड़ा में राहुल पिता मांगीलाल की साइकिल को बाइक क्रमांक एमपी 41 एमएन 1901 के चालक ने टक्कर मार दी। मांगीलाल घायल हो गए।
– २७ अक्टूबर को एकता नगर निवासी ८० वर्षीय जानी बाई पति भैराजी डाबी को उनके घर के सामने ही अज्ञात बाइक सवार ने टक्कर मारी। इससे उन्हें चोंट आई। पुलिस ने १२ नवंबर को रिपोर्ट दर्ज की।
– ८ नवंबर को धरम बड़ला रोड़ ग्राम जलालखेड़ी निवासी लक्ष्मण पिता बरूजी की लून को बाइक क्रमांक एमपी 13 ईएन 8166 के चालक ने टक्कर मारी दी। घटना में लक्ष्मण को चोंट आई।
– १० नवंबर को एसआर पेट्रोल के सामने देवास रोड़ चंदेसरा संजय पिता रमेशचंद्र सोलंकी की मोटरसाइकिल को बाइक क्रमांक एमपी 13 ईजेड 3150 के चालक ने टक्कर मार दी।
– ६ नवंबर को गदा पुलिया निवासी अर्जुन पिता रमेश सोलंकी को ऑटो रिक्शा क्रमांक एमपी 13 आर 4325 के चालक ने टक्कर मार दी।
– १० नवंबर को टावर चौक तेलीवाड़ा निवासी बसंत पिता तेजसिंह परिहार को वाहन क्रमांक एमपी 09 वीडी 7137 के चालक ने टक्कर मार दी। इससे उन्हें चोंट आई।
– १० नवंबर को इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर रेलवे कॉलोनी महू निवासी पंकज पिता कमल खोड़े की कार को बुलेरो जीप क्रमांक एमपी 10 सीए 0309 के चालक ने टक्कर मार दी।
– १० नवंबर को गुदरी चौराहे पर बेगमबाग कॉलोनी निवासी अल्पेश पिता सहाबुद्दीन उर्फ बबला को अज्ञात बाइक चालक ने टक्कर मारकर घायल कर दिया।
– १० नवंबर को उन्हेल रोड़ सोडंग के पास गाडराखेड़ी इंदौर निवासी हेमराज पिता नारायण सिंह चौधरी की कार को अज्ञात पीकअप वाहन ने टक्कर मार दी।
इनकी हुई मौत
– ९ नवंबर को महाकालेश्वर दर्शन कर लौट रहे सुभाषनगर निवासी त्रिलोकचंद्र पिता गिरधारी लाल
जायसवाल को अज्ञात कार ने टक्कर मार दी। जिससे उनकी मौत हो गई।
– ९ नंवबर को शिवम सर्विस सेंटर के पास पंवासा में आकाश पिता महेश कुमावत को डंपर क्रमांक एमपी १३ जेए ४५८६ ने टक्कर मार दी। इससे उसकी मौत हो गई।
कार्तिक पूर्णिमा पर अस्तव्यस्त रहा यातायात
शहर में यातायात व्यवस्था को लेकर जिम्मेदार कितना संजिदा है इसका उदाहरण मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा पर बिगड़ी यातायात व्यवस्था से लगाया जा सकता है। मंगलवार के दिन सुबह से ही पुराने शहर में रेलमपेल मची हुई थी। देवासगेट क्षेत्र में बस, मैजिक के कारण दिनभर जाम लगा रहा। ऐसी ही स्थित कंठाल, तेलीवाड़ा, छत्रीचौका, गुदरी चौराहा, दानीगेट, बुधवारिया और हरिफाटक ब्रिज के अलावा हरसिद्धी मंदिर चौराहे पर थी। यहां दिन भर वाहन गुत्मगुत्था होते रहे । दोपहर में तो कुछ चौराहे से ट्रैफिक पुलिस ही गायब थी। इससे पैदल चलने वालों के साथ वाहन चालकों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। यातायात का बिगड़ा ढर्रा शाम तक नहीं सुधरा था। जबकि पर्व स्नान के चलते जिम्मेदारों को पता था कि भीड़ होगी लेकिन ट्रैफिक को लेकर कोई पुख्ता प्लान ही नहीं बनाया गया।

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