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पत्रिका स्पॉट लाइट: मप्र के इस टोल प्लाजा पर वाहन चालकों की मुसीबत

locationउज्जैनPublished: May 21, 2022 01:22:56 am

Submitted by:

anil mukati

ब्यावरा-देवास फोरलेन पर उज्जैन जिले में रोजवास टोल नाके पर हो रहा वाहन चालकों का समय बर्बाद, फास्टैग की बाद भी धीमी हो रही चाल, टोल नाके पर कतार, एक गाड़ी का फास्टैग स्कैन करने में लग रहा 20 से 30 सेकंड, कई बार तकनीकी दिक्कत से वाहन को लौटा रहे, दोनों तरफ कुल 16 लेन, दो नकद भुगतान के लिए और बाकी ६ हमेशा रहती है बंद, दोनों तरफ से सिर्फ आठ लेन से गुजर रहे वाहन

पत्रिका स्पॉट लाइट: मप्र के इस टोल प्लाजा पर वाहन चालकों की मुसीबत

ब्यावरा-देवास फोरलेन पर उज्जैन जिले में रोजवास टोल नाके पर हो रहा वाहन चालकों का समय बर्बाद, फास्टैग की बाद भी धीमी हो रही चाल, टोल नाके पर कतार, एक गाड़ी का फास्टैग स्कैन करने में लग रहा 20 से 30 सेकंड, कई बार तकनीकी दिक्कत से वाहन को लौटा रहे, दोनों तरफ कुल 16 लेन, दो नकद भुगतान के लिए और बाकी ६ हमेशा रहती है बंद, दोनों तरफ से सिर्फ आठ लेन से गुजर रहे वाहन

अनिल मुकाती
उज्जैन/शाजापुर. राष्ट्रीय राजमार्ग पर बगैर रुकावट सफर के लिए फास्टैग शुरू किया गया। ताकी टोल नाकों से गुजरने के दौरान टैक्स भुगतान करने में बर्बाद होने वाला समय बचाया जा सके, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 52 , ब्यावरा से देवास फोरलेन पर रोजवास स्थित टोल नाके पर फास्टैग से मुसाफिरों को खास फायदा नहीं मिल रहा। यहां वाहनों पर फास्टैग होने के बाद भी उन्हें कतार में लगना पड़ रहा है, साथ ही लेन पर फास्टैग को स्कैन करने में भी मशीन 20 से 30 सेकंड ले रही है। कई बार तकनीकी समस्या के कारण समय ज्यादा भी लग रहा है। इस संबंध में पत्रिका को शिकायत मिल रही थी, इसकी पड़ताल करने के लिए पत्रिका टीम ने उज्जैन जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर रोजवास स्थित टोलनाके का मुआयना किया तो यह हकीकत सामने आई।
हर लेन पर लगी कतार

पत्रिका टीम शाम करीब 5.30 बजे टोल नाके पर पहुंचती है। यहां मक्सी की तरफ से आने वाले वाहनों की कतार लगी हुई है। आखिरी वाले नकद भुगतान की आठ नंबर लेन पर करीब 6 वाहन खड़े हैं और भुगतान को लेकर उनकी नोंकझोंक चल रही है। इसके पास लेन नंबर सात को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया गया है। इसके पास लेन नंबर 6, 5, 4 और 3 से वाहन निकल रहे हैं। इसके पास लेन नंबर 1 और 2 भी बंद हैं। ऐसे आठ में से सिर्फ चार लेन से ही वाहन चालक निकल पा रहे हैं। शाम होने के कारण मार्ग पर वाहनों का भारी दबाव है। लेन नंबर पांच पर करीब 4 वाहन कतार में खड़े हैं। यहां एक गाड़ी का फास्टैग स्कैन करने में ही आधा मिनट लग रहा है। इसी दौरान लेन में सबसे आगे लगी कार में फास्टैग स्कैन करने में कुछ तकनीकी परेशानी आ जाती है। ऐसे में वह बूथ पर बैठे कर्मचारी से बात करने लगता है। इस दौरान इसी लेन पर ४ गाडिय़ां पीछे लगी हुई हैं। ऐसे में इन लोगों को बेवजह वहां रुकना पड़ रहा है। करीब पांच मिनट के बाद बूथ कर्मचारी उक्त कार चालक को गाड़ी पीछे लेने को कहता है। ऐसे में पीछे खड़े वाहनों को मजबूरी में अपने वाहर रिवर्स लेना पड़ रहे हैं। इन सबमें करीब 10 मिनट खराब हो चुके हैं। वहीं रिवर्स लेने के बाद जब वाहन चालक अन्य लेन का रुख करता है, तो वहां भी उसे कतार नजर आती है। ऐसे में कई वाहन चालक लेन के बाहर खड़े होकर वाहन के बूथ से वाहन के क्लीयर होने का इंतजार कर रहे हैं। बूथ क्लीयर होते ही पीछे वाले वाहन तेज रफ्तार अपने वाहन निकाल रहे हैं। ऐसे में यहां हादसे का डर हमेशा बना रहता है। साथ ही इधर से उधर जाने में समय भी बर्बाद हो रहा है। इसके बाद पत्रिका टीम ने दोनों तरफ की बाकी लेन को भी देखा, तो वहां भी ऐसे ही नजारे देखने को मिले।
शिफ्ट इंचार्ज बोले-सरकार की गाइड लाइन है, हम क्या कर सकते हैं, आप ही कोई सुझाव दे दीजिए

लेन पर लग रही वाहनों की कतार और मुसाफिरों की समस्या के बारे में पत्रिका टीम ने टोल नाके के मैनेजर से चर्चा करना चाही। पास ही सडक़ निर्माता कंपनी ओरिएंटल इंफ्रास्ट्रचर प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय है। वहां पूछने पर सुरक्षाकर्मी ने लैंडलाइन फोन पर पत्रिका संवाददाता की चर्चा शिफ्ट इंचार्ज प्रशांत शर्मा से करवाई। पत्रिका ने सवाल किया कि टोल नाके की छह लेन बंद क्यों है तो शर्मा का कहना था कि यह सरकार की गाइड लाइन है। एक तरफ से सिर्फ चार लेन ही चलाई जा सकती है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। फास्टैग में लग रहे ज्यादा समय के सवाल पर शर्मा ने बताया कि यह तकनीकी समस्या हो सकती है। इसमें सुधार के प्रयास किए जाएंगे। पत्रिका ने जब यह पूछा कि कई बार लेन में वाहनों की कतार होती है। ऐसे में बूथ पर किसी वाहन का फास्टैग स्कैन नहीं होता है या अकाउंट में बैलेंस नहीं होता तो वाहन को रिवर्स लेने को कहा जाता है। ऐसे में पीछे खड़े वाहनों को बेवजह परेशान होना पड़ रहा है। इस पर शिफ्ट इंचार्ज शर्मा ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इसमें हम क्या कर सकते हैं आप ही कोई सुझाव दे दीजिए। ताकी वाहन चालकों को परेशानी ना हो। वहीं इस मामले में प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनीष असाटी का कहना है कि फास्टैग में इतना समय नहीं लगा चाहिए। कहां समस्या आ रही है। इसको चेक करवाते हैं।
यह बोले मुसाफिर

इंदौर निवासी अरुण वर्मा ने बताया कि इस समस्या का सुधार नहीं हो रहा। इंदौर से आने पर इंदौर बायपास और देवास बायपास पर भी टोल नाके आते हैं, वहां कार में ब्रेक तक नहीं लगाना पड़ते, लेकिन रोजवास स्थित टोल नाके पर १० मिनट से ज्यादा खराब हो जाते हैं। फिलहाल भी मैं काफी देर से गाड़ी निकालने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन हर लेन में कतार है।
शाजापुर निवासी जयराम पटेल ने बताया कि वे भी काफी देर से यहां कतार में खड़े हैं। वे पहले पांच नंबर लेन में खड़े थे। यहां एक कार वाले की बूथ कर्मचारी से बहस हो रही थी। आखिर में उसकी कार रिवर्स आने लगी। इस पर मैंने और साथ खड़े वाहन चालकों को भी मजबूरन पीछे आना पड़ा। बाकी की तीन लेन पर भी यही हाल थे। १० मिनट से ज्यादा तो यहां खराब हो गए। इतने समय में शाजापुर पहुंच जाते। रिवर्स लेने में गाड़ी में टूटफूट का डर भी रहता है।
10 सेकंड से ज्यादा लगे तो नहीं देना होता शुल्क

टोल प्लाजा पर वाहनों की कतार कम करने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने टोल प्लाजा ऑपरेटर्स की जवाबदेही तय करने हुए नियम लागू किया था। इसके अनुसार पीक समय में भी फास्टैग होने के बावजूद टोल प्लाजा पर किसी भी वाहन को 10 सेकंड से ज्यादा वक्त नहीं लगना चाहिए। अगर ऐसा होता है और वाहनों की 100 मीटर से लंबी लाइन लगी तो ऐसी स्थिति में वाहनों को बिना टोल टैक्स वसूले जाने देना होगा। इसके लिए एनएचएआई ने सभी टोल प्लाजा ऑपरेटर्स को 100 मीटर की दूरी पर पीले रंग की लाइन बनाने के आदेश जारी किए थे।

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