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महिला दिवस पर ये डॉक्टर दंपती बने छात्राओं के लिए पेडमैन

locationउज्जैनPublished: Mar 09, 2018 12:52:00 am

Submitted by:

Lalit Saxena

उत्कृष्ट विद्यालय में छात्राओं के लिए भेंट की पेड मशीन

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उज्जैन. महिला दिवस पर शहर के एक डॉक्टर दंपती ने एक अनूठी पहल की है। ये डॉक्टर दंपती शहर के उत्कृष्ट विद्यालय की छात्राओं के लिए पेडमैन बनकर आए हैं। डॉ. दंपती ने विद्यालय में एक एेसी मशीन भेंट की है, जिसमें दो रुपए का सिक्का डालने के बाद उसमें से पेड निकलता है। पीरियड्स के दौरान स्कूली छात्राओं को आने वाली परेशानी से बचाने के लिए डॉ. दंपती की यह पहल अपने आप में एक अनूठा प्रयास है।
8 मार्च अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में उत्कृष्ट विद्यालय माधवनगर में छात्राओं के लिए बड़ी सौगात प्राप्त हुई है। शहर के डॉ. दंपती डॉ. नीतिन अग्रवाल, डॉ. दीपिका अग्रवाल द्वारा विद्यालय की छात्राओं के लिए ऑटोमैटिक पेड मशीन प्रदान की गई हैं। विद्यालय की व्यायाम निदेशिका ऋतु शर्मा ने बताया कि आटोमैटिक मशीन में 2 रुपए का सिक्का डालने पर पेड प्राप्त हो जाता है। विद्यालय की छात्राओं के लिए बड़ी सौगात हैं, जिससे उनकी समस्या का हल आसान हो जाएगा। विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य भरत व्यास द्वारा डॉ. अग्रवाल दंपती का संस्था द्वारा स्वागत व आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर संस्था के स्टाफ सदस्य उर्मिला श्रीमाली, सादिका बी, श्यामा चौहान उपस्थित थे।
मशीन के बारे में सुना था
इस अनूठी पहल को करने वाले डॉ. नितिन अग्रवाल एवं डॉ. दीपिका अग्रवाल का कहना है कि गत माह में ही उन्होंने इस मशीन के बारे में सुना था। उन्हें यह भी पता चला था कि कई बड़े शहरों में इस प्रकार की मशीन लगी है। इसके बाद उन्होंने सोचा कि इस तरह की मशीन उज्जैन में भी होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने नागपुर से यह मशीन मंगवाई और स्कूल में भेंट की है। पीरियड्स के दौरान स्कूली छात्राओं को कई बार परेशानी आती है। अचानक पीरियड्स होने के कारण उन्हें स्कूल से भी छुट्टी भी लेना पड़ जाती है, जिसके कारण उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होती है। इस प्रकार की मशीन विद्यालय में होती है और कोई छात्रा परेशान होती है तो वह इस मशीन का उपयोग कर अपनी समस्या को हल कर सकती है। डॉ. दंपती का कहना है कि उन्होंने एक पहल की है और हम चाहते हैं कि अन्य लोग इससे प्रेरणा ले और आगे इस तरह का प्रयास करें। डॉ. नीतिन शिशु रोग शल्य चिकित्सक हैं और डॉ. दीपिका अग्रवाल निश्चेतना विशेषज्ञ हैं।
ऐसे काम करती है मशीन
यह एक ऑटोमैटिक मशीन हैं। मशीन में दो रुपए का सिक्का डालने के बाद ऑटोमैटिक एक पेड बाहर आ जाता है। एक बार में इस मशीन में ५० पेड रखे जा सकते हैं। पेड खत्म होने के बाद मशीन ही बता देती है कि पेड खत्म हो गए हैं और उस मशीन का लॉक खोलकर फिर से पेड रखे जा सकते हैं।

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