इनकम टैक्स रिटर्न जमा करने के लिए रविवार का दिन आखिरी था। कुछ वर्षों से अंतिम तारीख बढ़ाई जा रही थी। कई उपभोक्ताओं को इस बार भी अवधि बढ़ाए जाने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब अंतिम तारीख के बाद रिटर्न फाइल करने वालों को अर्थदंड के साथ अन्य नुकसान झेलना पड़ेंगे।
जानकारों के अनुसार पंजीकृत की तुलना में करीब 40 फीसदी ने अंतिम तारीख तक आइटीआर जमा नहीं किया है। इसके विपरीत जिन लोगों ने समय सीमा में विवरणी प्रस्तुत की है, उन्हें लाभ मिलेंगे।
विवरणी जमा नहीं करने वालों को आगे क्या
- ढाई से पांच लाख रुपए सालाना आय वाले उपभोक्ताओं को अब विवरणी दाखिल करने पर पैनल्टी के रूप में एक हजार रुपए की लेट फाइलिंग फीस देना होगी।
- पांच लाख रुपए से अधिक की वार्षिक आय वालों पर 5 हजार रुपए की पैनल्टी लगेगी।
- जितना टैक्स जमा होगा, उस पर प्रति माह डेढ़ प्रतिशत ब्याज लगेगा।
- समय पर आइटीआर जमा करने वालों को फायदा
- लेट फाइलिंग फीस या टेक्स पर ब्याज नहीं लगेगा।
- रिटर्न फाइल करने में यदि कोई गलती हो गई है तो आने वाले दिनों में सुधार करवा सकेंगे। इसके लिए पैनल्टी नहीं देना होगी।
- करदाता को यदि शेयर, जमीन आदि में आर्थिक नुकसान हुआ है और उसने समय पर विवरणी जमा की है तो 8 वर्ष तक उक्त नुकसान का समायोजन किया जा सकेगा।
एक कार्यालय में 200 से ज्यादा रिटर्न दाखिल
आटीआर जमा करने के लिए रविवार तक का समय होने के कारण कुछ दिनों से सीए के कार्यालयों पर काम का खासा दबाव रहा। आखिरी दिन शहर के प्रत्येक प्रमुख कार्यालय में 200 से 250 तक विवरणी जमा हुई। कई कार्यालयों पर रविवार रात 12 बजे तक कार्य हुआ।
पेनल्टी जमा करना होगी
आखिरी दिन बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने आइटीआर दाखिल की। देवास जिला अंतर्गत विजयगंज मंडी थाने में पदस्थ एएसआई वीएस तोमर की महाकाल सवारी को लेकर उज्जैन में ड्यूटी लगाई है। अंतिम तारीख होने के कारण वे रात को उज्जैन में ही प्रधान चैंबर्स पर पहुंचे और आइटीआर दाखिल करवाया। उन्होंने बताया निर्धारित समय में विवरणी जमा करने से सरकार द्वारा दी जाने वाली छूट का लाभ मिला है।
विवरणी जमा करने के लिए पंजीकृत आम उपभोक्ताओं के लिए 31 जुलाई 2022 अंतिम तारीख थी। अंतिम तारीख बढ़ाने के संबंध में निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। विवरणी जमा करना नागरिक की जिम्मेदारी तो है ही, उसके लिए लाभदायक भी है। समय सीमा में जमा करना करदाता के लिए भी सुविधाजनक होता है। इसलिए समय सीमा में ही आटीआर जमा करना चाहिए। जिन्होंने तय अवधि में आइटीआर दाखिल नहीं किया है, उन्हें अब लेट फीस के रूप में पेनल्टी जमा करना होगी। साथ ही टैक्स पर निश्चित दर से ब्याज भी देना होगा।
-डॉ. अनुभव प्रधान, सीए