video : यह क्या...महंगा हुआ तो उज्जैन में बाइक से चोरी होने लगा पेट्रोल
छत्रीचौक के पास युवराज लाइाब्रेरी की गली में सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई पेट्रोल चोरी, कई सुनसान क्षेत्रों में बाइक के पेट्रोल टैंक सुरक्षित नहीं

उज्जैन। पेट्रोल महंगा होने के साथ अब बाइक में इसे सुरक्षित रखना भी चुनौती बन गया है। छत्री चौक के समीप युवराज लाइब्रेरी की गली में पेट्रोल चोरी का लाइव वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए इस वीडियो में जींस-टी शर्ट पहना एक २०-२२ साल का युवक अपनी बाइक से आता है और बड़ी चालाकी से वहां खड़ी बाइक से दो बोतल पेट्रोल निकाल अपनी बाइक में डाल लेता है। दिन के समय गली सुनसान थी, इसी का फायदा उसने उठाया और चपत लगा दी।
पेट्रोल महंगा होने के कारण कई क्षेत्रों में यहीं स्थिति बनने लगी है। बेरोजगार युवा व गाडि़यां घुमाने के शौकीन अपना शौक पूरा करने के लिए लोगों की गाडि़यों से पेट्रोल चुरा रहे हैं। क्योंकि उनकी जेब में इतना धन नहीं कि वे महंगे पेट्रोल पर सैर कर सकें। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर कई तरह के छींटाकंशी भी इस पर चल रही है। लोग यह कहने से भी नहीं चूक रहे कि इतना महंगा पेट्रोल रहेगा तो चोरी तो होगा ही। अब पेट्रोल नली में भी ताला या कुछ अन्य इंतजाम रखना पड़ेगा। ताकी पेट्रोल टैंक सुरक्षित रहे।
लोग बोले... पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की मार कम करो सरकार
अधिक घूमने व बाजार में सेवा देने वाले लोगों पर बढ़ा आर्थिक बोझ, अब तक के सबसे महंगे दाम, प्रदेश सरकार भी राहत देने को राजी नहीं
उज्जैन. पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की मार कम करो सरकार। देश में अब तक के सबसे महंगे दाम पर जनता की कुछ यही मांग है। दैनिक जरूरत में शुमार इन पदार्थों पर सरकार की ओर से टैक्स की मार कम नहीं करने से लोगों में गुस्सा है। जिन लोगांे को कामकाज के सिलसिले मंे अधिक घूमना पड़ता है उन पर तो हर माह ५०० से १५०० रुपए तक का अतिरिक्त भार पड़ रहा है। केंद्र के अलावा यदि प्रदेश सरकार भी अपने ३६ प्रतिशत वेट में कुछ कमी कर दें तो भी जनता को राहत मिल सकती है, लेकिन इस दिशा में भी कोई पहल नहीं होने से लोग परेशान है।
पत्रिका ने शहर के कुछ लोगों से पेट्रोलियम पदार्थो की मूल्यवृद्धि पर बातचीत की तो सभी ने कहा सरकार जरूरत वाली वस्तुओं पर भी भारीभरकम टैक्स लाद रही है, जबकि अन्य देशों में एेसा नहीं। गलत नीतियों के कारण आम आदमी की कमर टूट रही है। पहले से ही महंगाई चरम पर है और डीजल दाम के कारण कई वस्तुएं महंगी होने लगी है।
यह बोले शहरवासी
पेट्रोल-डीजल आम जन की खासी जरूरत है। इस पर भी सरकार टैक्स कम नहीं कर जनता से छलावा कर रही है। अब तो कहीं दूर जाना हो तो सोचना पड़ता है, कि इतना पेट्रोल खर्च हो जाएगा। जबकि ये वस्तु तो सस्ते दाम पर उपलब्ध होना चाहिए।
- एचके मेहता, नयापुरा
पहले हजार रुपए के पेट्रोल में पूरा महीना चल जाता था, अब १६०० रुपए का खर्च आ रहा है। इसकी पूर्ति में अन्य खर्चे कम करना पड़ रहे हैं। जब कच्चा तेल सस्ता है तो फिर सरकार पेट्रोल की कीमतें नियंत्रित क्यों नहीं कर पा रही। आम जन इन दिनों इस मूल्यवृद्धि से त्रस्त हैं।
- महेंद्र ज्ञानानी, एलआइसी एजेंट, सेठी नगर
हर परिवार से दो से तीन दो पहिया वाहन होते ही है। सब पर मिलाकर देखें तो १ से १५०० हजार रुपए तक का अतिरिक्त भार हर माह पड़ता है। महंगे पेट्रोल के कारण कई बार दूर जाने में विचार करना पड़ता है। इसके रेट में सरकार को कमी करना चाहिए।
- ममता दाता, गृहिणी, सूरज नगर
केंद्र सरकार दर में नियंत्रण नहीं कर रही तो प्रदेश सरकार ही थोड़ा टैक्स कम कर दें। हर दिन नई योजना ला वाले सरकार को इस दिशा में भी कुछ सोचना चाहिए। क्योंकि आम जन के लिए पेट्रोल खासी जरूरत है।
- दिपांशु बागवान, अंबर कॉलोनी
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