पुलिस ने दो ठिकानों पर डाली दबिश, प्रशासन ने भी दो संस्थान किए सील
उज्जैन. केंद्र सरकार द्वारा पीएफआइ और उससे जुड़े संगठनों पर पांच साल के प्रतिबंध के बाद पुलिस ने शहर के तोपखाना स्थित शफी सेठ रेसीडेंसी की दूसरी मंजिल पर चल रहे पीएफआइ के ऑफिस को सील कर दिया। यह ऑफिस एक साल से यहां गुपचुप तरीके से चल रहा था। पत्रिका ने २३ सितंबर के अंक में यह जानकारी दी थी। बुधवार रात को पुलिस ने दो ठिकाने पीलू की मस्जिद के पास और दूसरी खारकुआ क्षेत्र में एक पैथोलॉजी के ऊपर कार्रवाई की। यहां से पुलिस को आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं।
बुधवार सुबह 7.45 बजे सीएसपी ओपी मिश्रा के साथ पांच थाना पुलिस की टीम शफी सेठ रेसीडेंस के दूसरे माले के फ्लैट नंबर २०५ पर पहुंची। फ्लैट मालिक तस्लीम बानो को बुलाकर चाबी ली और गेट खोल तलाशी ली। सीएसपी ओपी मिश्रा ने बताया कि वसीम नामक पीएफआइ सदस्य की तलाश है, जानकारी लगी है कि यह ऑफिस वसीम ने ही किराए पर लिया था, लेकिन फ्लैट मालकिन तस्लीम बानो का कहना है वह 6 माह पहले ही फ्लैट खाली कर जा चुका है, वह यहां यूनानी दवाखाना चलाता था।
२ लोगों पर कार्रवाई
एडीएम संतोष टैगोर ने बताया कि कि जिला दंडाधिकारी आशीष सिंह के आदेश पर उज्जैन जिले में 2 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इनमें डॉ. अब्दुल वसीम पिता अब्दुल वहीम के संस्थान (दुकान नंबर 107 लाला की मल्टी भागसीपुरा) और हाजी शोएब पिता मरहूम शाह के संस्थान (मालवा स्टील गली दरगाह के सामने तोपखाना) को सील किया गया। इस दौरान एसडीएम संजीव साहू, सीएसपी ओपी मिश्रा और नायब तहसीलदार पाटीदार मौजूद थे।
चारों को जेल भेजा- एनआइए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) के इशारे पर एटीएस ने मंगलवार तड़के ४ बजे केडीगेट की मंसुरियान मस्जिद के पास रहने वाले जुबेर पिता नजीर को गिरफ्तार किया, जुबेर और उसके पिता शहर की दो मस्जिदों में इमाम हंै। नलिया बाखल की जामा शकील मस्जिद के पास रहने वाले इशहाक खान और आगर रोड के विराट नगर से अकीब खान को पकड़ा था। टीम ने महिदपुर से मोहम्मद आजम पिता कय्यूम नागौरी को गिरफ्तार किया था। सभी को कोर्ट में पेश किया और उन्हें जेल भेजा है।
यूनानी की आड़ में चल रहा था ऑफिस
फ्लैट की मालकिन तस्लीम बानो पति जाकीर के अनुसार वसीम निवासी आर्य समाज मार्ग को तीन साल पहले अनुबंध के आधार पर फ्लैट किराए पर दिया था। वह यूनानी डॉक्टर बताता था। हालांकि पुलिस को ऑफिस से पीएफआइ के सदस्यता फार्म, आइडी और कई प्रचार-प्रसार सामग्री मिली है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वसीम पीएफआइ का सक्रिय सदस्य है, उसी ने यहां पीएफआइ का ऑफिस संचालित करना शुरू किया था। जहां हर सप्ताह में दो बार बैठक होती थी।
सिमी पर प्रतिबंध के बाद से था एक्टिव
ऐसा नहीं है कि पीएफआइ का कनेक्शन धार्मिक नगरी से पहली बार जुड़ा है। पिछले दिनों जमील शेख की गिरफ्तारी और तोपखाना में शफी सेठ की बिङ्क्षल्डग में संचालित पीएफआइ के ऑफिस के सामने आने के बाद अब पीएफआइ से जुड़े पुराने मामले भी धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। पुलिस के पास पीएफआइ के १८९ हार्डकोर की सूची हाथ लगी है।इनमें से आधा दर्जन हार्डकोर चेहरों पर सुरक्षा एजेंसी की नजर है।
स्थापना दिवस पर की थी भैरवगढ़ में आमसभा
पीएफआइ कार्यकर्ता 17 फरवरी को स्थापना दिवस मनाते हैं। २०२१ में पीएफआइ ने महाकाल थाना क्षेत्र में आमसभा की थी। इसको लेकर पुलिस ने आम सभा करने पर कुछ लोगों पर कार्रवाई भी की, परंतु २०२२ की फरवरी में पीएफआइ ने गुपचुप तरीके से स्थापना दिवस मनाया और आमसभा को आयोजित किया था। इसके लिए पीएफआइ ने भैरवगढ़ क्षेत्र को चुना था और १७ फरवरी को नदी के पास बैठक आयोजित की थी। दिल्ली से कुछ लोगों को उज्जैन बुलाया था जिन्होंने रात करीब ८ बजे भैरवगढ़ क्षेत्र में भाषण दिए थे।
प्रतिबंध के बाद अब सख्त होगी कार्रवाई
पीएफआइ से जुड़े लोगों पर पुलिस की नजर है, पीएफआइ के दो ठिकाने अब तक मिले है, एक ऑफिस 6 महीने पहले खाली हो चुका है, परंतु यह संगठन पूर्व में समाजोत्थान के लिए काम करने का दावा कर रहा था, रजिस्टर्ड भी था, अब चूंकि प्रतिबंध लग गया है तो राज्य शासन के निर्देश के बाद पीएफआइ के ऑफिस सील किए हैं।
-सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एसएसपी