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अधिकारियों का कमाल…सीमेंट की सड़क जोड़ी डामर से, डामर पर चढ़ा दिया सीमेंट

locationउज्जैनPublished: Jul 23, 2018 12:00:18 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

फोरलेन पर उखडऩे लगी घटिया निर्माण की परते, दिलीप बिल्डकॉन की ओर से एमआर-5, एमआर-2 सहित अन्य

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अधिकारियों का कमाल…सीमेंट की सड़क जोड़ी डामर से, डामर पर चढ़ा दिया सीमेंट

उज्जैन. सिंहस्थ 2016 में बनाए गए सीमेंट कांक्रीट फोरलेन जहां दो साल में ही खस्ताहाल हो गए हैं वहीं इनकी मरम्मत में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। खराब हुए एमआर-5, एमआर-2 फोरलेन पर पिछले दिनों उखड़ी सरफेस को सुधारने के लिए ग्राउटी मैटेरियल से पैचवर्क किया गया था, लेकिन यह चंद दिनों में ही यह उखड़ गया। अब वहीं ठेकेदार की ओर से डामर वाले सीलकोट का पैचवर्क किया जा रहा है। इसके चलते अब सीमेंट की सड़क पर डामर के पैचवर्क पैबंद के रूप में दिख रहे हैं तो जगह-जगह सड़क के घटिया निर्माण को भी उजागर कर रहे हैं।

सिंहस्थ में दिलीप बिल्डकॉन सहित अन्य कंपनियों ने करीब 150 करोड़ रुपए से अधिक कीमत की सीमेंट कांक्रीट से फोरलेन सड़क बनाई थी। सिंहस्थ के बाद से ही इन सड़कों में खराबी सामने आने लगी थी। सीसी सड़कों की सरफेस उखड़ गईं तो कहीं दरारें भी पड़ गईं। कुछ स्थानों पर गड्ढे भी हो गए थे। इस वर्ष एमआर-५ व एमआर-२ सहित इंजीनियरिंग कॉलेज रोड की हालत ज्यादा खराब हुई। लिहाजा ठेकेदारों की ओर से इन सड़कों के सुधार के लिए ग्राउटी मैटेरियल से पैचवर्क किया गया था।

बताया जा रहा है कि इस पैचवर्क का कार्य गुणवत्ता के साथ ठीक ढंग से नहीं किया गया। इससे यह पैचवर्क महज १५ दिन में ही उखड़ गया और सड़क की हालत खराब होना शुरू हो गई। अब दोबारा से सड़क को दुरुस्त करने के लिए सीलकोट वाला पैचवर्क शुरू किया गया है। इसमें सड़क पर डामर की पतली लेयर बिछाई गई है। सीमेंट कांक्रीट सड़क पर सीलकोट वाली काली डामर लगने से इसकी सुंदरता बिगड़ गई। जगह-जगह डामर के पैबंद लगने से सड़क निर्माण में घटिया काम भी दिखाई देना लगा है। बता दें, सिंहस्थ में बनी इन फोरलेन को पांच वर्ष तक संधारित करने का जिम्मा ठेकेदार के पास है।

यह है ग्राउटी मैटेरियल पैचवर्क

सीसी रोड पर ग्राउटी मैटेरियल से पैचवर्क किया जाता है। यह सफेद होकर सड़क के रंग से मिल जाता है। इसमें विशेष केमिकल व पावडर मिला होता है, जिसे सड़क पर बिछाया जाता है।
फोरलेन पर किया गया यह पैचवर्क फेल हो गया। दरअसल इसके लगने के बाद छह-सात घंटे तक आवागमन बंद रखना होता है, साथ ही सड़क सुखी रखनी होती है। ठेकेदार की ओर से जल्दबाजी में इसका ध्यान नहीं रखा और यह पैचवर्क भी उखड़ गया। वहीं सीलकोट में डामर की पतली लेयर बिछाई जाती है इसमें डामर की मात्रा भी अधिक होती है।

इधर, सेठीनगर मंे सीमेंट सड़क पर कर दिया डामर
सेठीनगर में सीमेंट कांक्रीट रोड पर डामर की सड़क बना दी गई। यहां सीमेंट कांक्रीट की सड़क खराब होकर, गड्ढों में तब्दील हो गई थी। एेसे में यहां सीमेंट कांक्रीट सड़क की जगह दोबारा से डामर की सड़क बना दी गई। क्षेत्रवासी बता रहे हैं कि लाखों रुपए खर्च कर सीमेंट की सड़क बनाई थी, कम समय में ही यह जवाब दे गई। जब इस सड़क पर डामर ही करना था तो फिर इसे सीमेंट कांक्रीट की क्यों बनाया गया।

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