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दीक्षांत समारोह की तैयारी, डिग्री प्रिंट के साथ गोल्ड मेडल खरीदी

locationउज्जैनPublished: Feb 14, 2018 07:58:05 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

अप्रैल तक आयोजित करना समारोह – ४५ दिन पहले जारी होती है अधिसूचना

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उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह की हलचल शुरू हो गई। नए राज्यपाल के आने के बाद प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय ने दीक्षांत समारोह की पहल की। राजभवन ने भी ताबड़तोड़ तारीख देना शुरू कर दी। जीवाजी विवि ग्वालियर में समारोह हो चुका है और भोपाल विवि की तारीख निर्धारित हो चुकी है। विक्रम विश्वविद्यालय को भी अप्रैल माह से पहले दीक्षांत समारोह होने की सूचना मिल चुकी है। इसकेबाद विवि प्रशासन ने डिग्री प्रिंट के काम में तेजी ला दी है। साथ ही गोल्ड मेडल खरीदी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बता दें कि दीक्षांत समारोह की अधिसूचना एक माह पूर्व घोषित होती है।

डिग्री विभाग को एक माह का समय

विक्रम विवि का डिग्री विभाग पिछले कई सालों से विवादों में है। लगातार डिग्री प्रिटिंग में गड़बड़ी उजागर हो रही है और अधिकारी व कर्मचारियों के तबादले हो रहे हैं। फरवरी २०१७ में आयोजित दीक्षांत समारोह की डिग्री में संवत् गलत छप गया है। इस दौरान निलंबित हुए कर्मचारी कुछ दिन पूर्व ही बहाल हुए हैं, लेकिन आगामी दीक्षांत समारोह में एेसा कुछ नहीं हो, इसके लिए विवि के प्रमुख अधिकारियों ने अपनी प्रशासनिक जिद को छोड़कर पूर्व कर्मचारियों को काम सौंप दिया है। इन कर्मचारियों को एक माह के अंदर डिग्री का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि पूर्व कर्मचारियों ने तेजी से काम को निपटाना शुरू किया है। साथ ही प्रिंट होकर आ रही डिग्री की हर गलती को भी बारीकी से पकड़ रहे हैं।

स्वर्ण पदक के लिए टेंडर

विवि प्रशासन ने स्वर्ण पदक के लिए टेंडर जारी कर दिया है। विवि प्रशासन ने कुल २०२ पदक खरीदी की सूचना दी है। विवि में पिछले दीक्षांत समारोह में सभी संकाय के टॉपरों को गोल्ड मेडल नहीं मिला था। इसे लेकर कुछ विद्यार्थियों ने आपत्ति दर्ज कराई। विवि अधिकारियों की घोषणा के अनुसार इस बार सभी संकाय के टॉपरों को गोल्ड मेडल दिया जा सकता है।

राजभवन से आएगा अतिथि का नाम

विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन पिछले कई सालों से किसी भी कार्यक्रम में अतिथियों के संकट से जूझ रहा है। स्थिति यह बन रही है कि दीक्षांत, राज्यस्तरीय युवा उत्सव जैसे बड़े कार्यक्रमों में तय अतिथि नहीं पहुंच रहे हैं और अन्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों को मंच पर लाना पड़ रहा है। साथ ही विवि के कार्यक्रम में शासकीय प्रोटोकॉल भी खत्म नजर आया। कभी भी कोई भी मंच पर आता और सम्मानित व स्वागत कर दिया जाता। एेसी स्थिति में अब पूरी संभावना है कि आगामी दीक्षांत समारोह में अतिथि राजभवन से तय होंगे। इसके लिए प्रयास भी उच्चाधिकारी करेंगे। वर्तमान राज्यपाल आनंदीबेन की सक्रियता भी इसके पीछे प्रमुख कारण बताई जा रही है।

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