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उज्जैन

महाकाल मंदिर : दान में मिले वाहनों की सुविधा से क्यों वंचित हो रहे शहरवासी

जनसुविधा और जनसेवा के लिए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को दान में मिली एंबुलेंस स्वास्थ विभाग और मुक्ति वाहन को नगर निगम को देने की तैयारी है।

उज्जैनMay 07, 2019 / 12:34 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. जनसुविधा और जनसेवा के लिए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को दान में मिली एंबुलेंस स्वास्थ विभाग और मुक्ति वाहन को नगर निगम को देने की तैयारी है। इस पर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा विचार किया जाएगा।

सुविधा का लाभ नही मिल पा रहा

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के माध्यम से संचालित होने वाले मोक्ष वाहन के खराब हो जाने के कारण इस सुविधा का लाभ नही मिल पा रहा था। छोटी से खर्च के कारण यह वाहन बंद है। इसको लेकर जानकारी सामने आने पर कलेक्टर शंशाक मिश्रा सोमवार को मंदिर पहुंचे। कलेक्टर ने मंदिर समिति के प्रशासक को मोक्ष वाहन को तुरंत सुधार कराने के निर्देश दिए हैं। प्रशासक द्वारा अवगत कराया गया कि इस तरह के वाहनों के संचालन से मंदिर प्रबंध समिति को आर्थिक बोझ के साथ अन्य व्यवस्थाआें का भार वहन करना पड़ता है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि आने वाले समय में एंबुलेंस व मोक्ष वाहन को संबंधित विभाग को सौंप कर इनका संचालन कराया जाएगा।

वाहन तकनीकी समस्याओं के कारण खराब

मंदिर प्रबंध समिति को वर्ष 2012 में भोपाल के दानदाता द्वारा मुक्ति वाहन सौंपा गया था। इस वाहन के माध्यम से शहर के लोगों के लिए नि:शुल्क अंतिम यात्रा के लिए वाहन उपलब्ध हो जाता था। वाहन तकनीकी समस्याओं के कारण खराब हो गया था। इसके बाद करीब डेढ़ माह पहले ही कंपनी के सर्विस सेंटर पर सुधार कार्य के लिए भेजा गया था। करीब बीस हजार रुपए के बिल भुगतान नहीं होने के कारण यह वाहन सर्विस सेंटर से नही आ पा रहा है। इस मामले में सोमवार को महाकाल मंदिर पहुंचे कलेक्टर ने तत्काल प्रशासक अवधेश शर्मा को निर्देश दिए कि मुक्ति वाहन सुधरवाने का खर्च अदा कर वाहन को संचालित किया जाए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मोक्ष वाहन और एंबुलेंस जैसे वाहन संचालित करने की जिम्मेदारी मंदिर समिति के पास नहीं होना चाहिए। ऐसे वाहन नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को सौंपने के बाद विभाग के माध्यम से संचालन होना चाहिए।

विक्रम कीर्ति मंदिर से नहीं हो रही भरपाई
कलेक्टर मिश्र ने चर्चा में बताया गया कि मंदिर समिति के माध्यम से संचालित होने वाले विक्रम कीर्ति मंदिर से मंदिर समिति को कोई फायदा नहीं हो पा रहा है। जितना खर्च हो रहा है उसके आधी राशि भी मंदिर समिति के पास इसके संचालन के लिए नहीं पहुंच पाती है। कलेक्टर ने विक्रम कीर्ति मंदिर संबंध में जानकारी लेने के साथ ही कहा कि कीर्ति मंदिर को अन्य विभाग में सौंपने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। कीर्ति मंदिर संचालन के लिए होने वाली आय से मंदिर समिति को कर्मचारियों के साथ ही मेंटेनेस व बिजली के बिल की भरपाई भी नही हो पाती है।

आय कम और खर्चा अधिक

विक्रम कीर्ति मंदिर में पहले ही आय कम और खर्चा अधिक होने की बात साबित हो रही है। इससे कलेक्टर को अवगत कराया कि अधिकांश कार्यक्रम यहां नि:शुल्क होते हैं। बिजली का खर्च भी प्राप्त नहीं हो पाता है। प्रशासन के कई कार्यक्रम विक्रम कीर्ति मंदिर में आयोजित किए जाते हैं, जो नि:शुल्क रहते हैं। इस पर कलेक्टर ने प्रशासक शर्मा को कहा कि निर्वाचन विभाग द्वारा विक्रम कीर्ति मंदिर में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम के बिल निर्वाचन को प्रेषित करें।

दर्शन व्यवस्था की स्थिति देखी

कलेक्टर मिश्र ने मंदिर में निरीक्षण करने के बाद कंट्रोल रूम में बैठकर दर्शन व्यवस्था की स्थिति देखी थी। महाकाल धर्मशाला के कक्ष क्रमांक एक में अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की। इस दौरान कलेक्टर मिश्र ने सत्कार कक्ष के माध्यम से जारी होने वाली नि:शुल्क दर्शन पर्ची के कट्टे मंगवा कर चेक किए। दर्शन पर्ची बनाने की जानकारी भी कर्मचारियों से ली है।

मुम्बई के दर्शनार्थी का पर्स लौटाया
महाकाल मंदिर के दर्शन करने आए मुम्बई के एक श्रद्धालु भेंट सामग्री के साथ अपना पर्स भी अर्पण कर चले गए। इसमें नगद राशि के साथ महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। मंदिर प्रबंध समिति ने श्रद्धालु को फोन कर बुलवाया और पर्स लौटा दिया। महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आए मुंबई के श्रद्धालु परिवार ने भगवान महाकालेश्वर को अर्पित करने के लिए वस्त्र की एक थैली पाटले पर बैठे पंडित को सौंपी थी। उस थैली में श्रद्धालु का रुपए से भरा हुआ पर्स भी रखा हुआ था। पंडित ने गर्भगृह में जाकर थैली खोली तो पर्स भी निकला। पंडित ने तत्काल मंदिर के अधिकारियों को अवगत कराया। बाद में श्रद्धालु का मोबाइल नंबर निकाल कर वापस पर्स श्रद्धालु को सौंपा। सोमवार को दोपहर आईसीआईसीआई बैंक के कॉरपोरेट बैंकिंग ग्रुप मुबंई के मैनेजर अपूर्व गौतम अपनी पत्नी के साथ भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आए थे।

थैली देकर दर्शन कर रवाना हो गए थे

नंदी के पीछे से दर्शन व्यवस्था के दौरान उन्होंने भगवान महाकाल को अर्पित करने के लिए कुछ वस्त्र थैली में रख कर पाटले पर बैठे पंडित को दिए थे। श्रद्धालु पंडित को थैली देकर दर्शन कर रवाना हो गए थे। पंडित ने थैली से वस्त्र निकाले,तो देखा कि उसमें एक पर्स भी रखा हुआ है। पंडित ने इसकी जानकारी गर्भगृह निरीक्षक कमल जोशी को दी। जोशी ने मंदिर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी दिलीप गरुड़ को पर्स के संबंध में अवगत कराया। इस दौरान पर्स को लेकर एनाउंस भी कराया गया। इसके बाद सहायक प्रशासनिक अधिकारी गरूड़ ने पर्स में उपलब्ध विजिटिंग कार्ड के आधार पर संपर्क कर संबंधित श्रद्धालु को नंदी हॉल बुलाकर पूरी जानकारी लेने के बाद रुपए से भरा पर्स सौंपा। श्रद्धालु अपूर्व ने बताया कि पर्स में रुपए के अलावा एटीएम कार्ड व अन्य जरूरी कागजात रखे हुए थे।

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