ऐसे भी होती है धांधली
मंडी सूत्र बता रहे हैं कि निजी सुरक्षा एजेंसियां रेस्ट रीलीवर के रुप में रखे जाने वाले गार्ड के नाम पर भी धांधली करती हैं। मंडी में तैनात गार्ड को रेस्ट नहीं दी जाती है, जबकि उनके आराम के नाम पर दिए गए फर्जी नाम पर भी रकम हड़पी जा रही है। इसके अलावा सुरक्षा कंपनी की ओर से दी जाने वाली पीएफ की राशि में भी गड़बड़ी कर एजेंसियां मोटी कमाई कर रही है। इस मामले में मंडी के अधिकारियों की मिली भगत भी बताई जा रही है, जो निजी सुरक्षा एजेंसियों से मिले होते हैं। सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा तैनात गार्ड की संख्या में कमी, कुछ गार्ड अधिकारियों की सिफारिश वाले और अन्य प्रकार से हड़पी जाने वाली रकम में भी मंडी अफसरों की साझेदारी की बातें भी चर्चा का विषय है।
मंडी सूत्र बता रहे हैं कि निजी सुरक्षा एजेंसियां रेस्ट रीलीवर के रुप में रखे जाने वाले गार्ड के नाम पर भी धांधली करती हैं। मंडी में तैनात गार्ड को रेस्ट नहीं दी जाती है, जबकि उनके आराम के नाम पर दिए गए फर्जी नाम पर भी रकम हड़पी जा रही है। इसके अलावा सुरक्षा कंपनी की ओर से दी जाने वाली पीएफ की राशि में भी गड़बड़ी कर एजेंसियां मोटी कमाई कर रही है। इस मामले में मंडी के अधिकारियों की मिली भगत भी बताई जा रही है, जो निजी सुरक्षा एजेंसियों से मिले होते हैं। सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा तैनात गार्ड की संख्या में कमी, कुछ गार्ड अधिकारियों की सिफारिश वाले और अन्य प्रकार से हड़पी जाने वाली रकम में भी मंडी अफसरों की साझेदारी की बातें भी चर्चा का विषय है।