क्यों हुआ विवाद
सड़क निर्माण के दौरान एक साइड विद्युत पुल पोल लगाए जा रहे हैं। एक साइड का सड़क निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो गया जिसके चलते शनिवार को विद्युत पोल लगाने का कार्य भी प्रारंभ किया गया। इस दौरान क्षेत्र के लोगों ने विरोध कर दिया। लोगों का कहना था कि विद्युत पोल उनकी जमीन में लगाए जा रहे है। निर्माण के नाम गलत तरीके से अतिक्रमण भी तोड़ा गया, कहीं पर 9-9 फीट तो कहीं पर 4-4 फीट अतिक्रमण हटाया गया है। प्रशासन कुछ लोगों के साथ भेदभाव कर रहा है। लोगों का आरोप था टेलीफोन ऑफिस के आगे कुछ सत्ता पक्ष नेताओं का निवास है, वहां पर कम अतिक्रमण हटाया गया। उन लोगों का महज ओटला तोड़ा गया, जबकि कई गरीब लोगों की छत, मकान की गेलरी भी निर्माण के नाम पर तोड़ दी। विरोधकर्ताओं में क्षेत्र के फिरोज कुरैशी, रेहाना कुरैशी, यूसूफ शाह, चांदनी, फारुख शाह, फारुख कुरैशी, ईस्माईल शाह, मुन्ना शाह आदि थे।
अधिकारियों का अमला पहुंचा
विरोध के चलते कार्य बंद होने ने अधिकारियों का अमला भी मौके पर पहुंच गया। विवाद नाले से लगभग 100 मीटर दूर सुविधा टेंट हाउस के समीप हुआ। मौके पर तहसीलदार रमेशा सिसौदिया, लोक निर्माण विभाग के एसडीओ गौतम अहिरवार, उपयंत्री अरुण दुबे व राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी पहुंचे और विरोध कर रहे लोगों को समझाया। प्रशासन ने विरोध कर लोगों के समक्ष नपती की जिसके बाद मामला शांत हुआ।
चंबल मार्ग पर शनिवार को विद्युुत पोल लगाने का कार्य किया जा रहा था। इस दौरान कुछ लोगों ने विरोध जताया। लोगों का कहना था कि विद्युत पोल गलत लगाए जा रहे है लेकिन ऐसा नहीं है। पोल लगाने व अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में कोई भेदभाव नहीं किया गया।
– गौतम अहिरवार, एसडीओ, लोक निर्माण विभाग, नागदा-खााचरौद